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नीतीश ने बनाया यूपी में सपा को टारगेट करने का प्लान

जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी और दूसरे राज्यों में पार्टी के विस्तार का रोडमैप तैयार किया है।

इसकी शुरुआत 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से होगी। नीतीश 12 मई को पिंडरा में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे और 13 मई को गंगा आरती में भी शामिल होंगे।

जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश राष्ट्रीय स्तर के नेता के तौर पर अपनी छवि बनाने की कोशिश में लगे हैं। बिहार से बाहर जदयू का विस्तार उनका पहला लक्ष्य है। यूं तो पश्चिम बंगाल, असम और केरल में भी जदयू कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रहा है, लेकिन असली टारगेट यूपी है।

बिहार का पड़ोसी राज्य होने के नाते भी उन्हें यूपी में राजनीतिक संभावना ज्यादा दिख रही है। यूपी में वे अपने राजनीतिक अभियान की शुरुआत 12 मई को वाराणसी के पिंडरा में कार्यकर्ता सम्मेलन से करेंगे। 13 मई को वे गंगा आरती में भी शामिल होंगे।

जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने बताया कि वाराणसी के बाद नीतीश का अगला पड़ाव लखनऊ होगा। 15 मई को वे लखनऊ स्थित रविन्द्रालय में पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह द्वारा स्थापित किसान मंच के सम्मेलन में शामिल होंगे। सम्मेलन में उन्हें शराबबंदी के ऐतिहासिक फैसले के लिए महिला किसानों की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा।

त्यागी ने बताया कि पटना में हुई राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक में महात्मा गांधी, डॉ. राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह की वैचारिक परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। नीतीश इसी को लेकर आगे बढ़ेंगे।

मद्यनिषेध को बनाएंगे ताकत
नीतीश बिहार में शराबबंदी लागू करने के फैसले को अपनी ताकत बनाएंगे। केसी त्यागी ने बताया कि शराबबंदी लागू करने पर नीतीश को तमाम संगठनों, खासतौर से महिलाओं की ओर से सम्मानित किए जाने के प्रस्ताव मिल रहे हैं।

बिहार में प्रदेश की शराब की खपत बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने शराब के दामों में कमी कर दी है। नीतीश इस मुद्दे को उठाकर दूसरी सरकारों पर भी शराबबंदी का दबाव बनाएंगे।
बकौल केसी त्यागी, नीतीश राजनीतिक आंदोलन के साथ ही सामाजिक आंदोलन को भी तेज करेंगे। इसी सिलसिले में उन्हें जयपुर और रांची में आमंत्रित किया गया है। टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) में वे महिला संगठनों के सम्मान समारोह में भी हिस्सा लेंगे।

महात्मा गांधी की कर्मस्थली वर्धा के बाद वे उड़ीसा में आदिवासी महिलाओं के कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे राज्यों में मद्यनिषेध की मांग पर स्थानीय आंदोलनकारियों को प्रोत्साहित करेंगे।
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