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उत्तर प्रदेश

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, अब काशी और मथुरा के साथ-साथ चार लाख मठ व मंदिर भी चाहिए

स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, अब काशी और मथुरा के साथ-साथ चार लाख मठ व मंदिर भी चाहिए
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अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जिस प्रकार हमें राम मिल गए, उसी तरह अब काशी और मथुरा के साथ-साथ चार लाख मठ-मंदिर भी चाहिए। काशी के सनातनी हिंदू इस आंदोलन में साथ खड़े हों। जितने भी अपने आराध्य स्थल हैं, उनके लिए संघर्ष करें। आज ऐसी सरकार है, जो हिंदुओं के पक्ष में है।

श्री आदि विश्वेश्वर मुक्ति विद्वत संघ की ओर से मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में ध्वंस आराध्य स्थलों की मुक्ति में आ रही कानूनी अड़चन व समाधान की पहल विषयक गोष्ठी हुई।

अंतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल के निदेशक राहुल सिंह ने कहा कि सभी सनातनियों को एकजुट होना पड़ेगा, तभी हम अपनी लड़ाई लड़ सकेंगे। संचालन डॉ. सोहनलाल आर्य ने किया और आभार लालजी गुप्ता ने जताया। अध्यक्षता अंबरीष सिंह भोला ने की।

इस दौरान मां शृंगार गौरी केस की वादिनी लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू व मंजू व्यास के अलावा अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी व दीपक सिंह, अमित सौरभ, सोमनाथ विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।

धार्मिक स्थलों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे: विष्णु शंकर

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमारे पिता हरिशंकर जैन और हम जब काशी आए तो ज्ञानवापी को लेकर पहले से ही मुकदमे चल रहे हैं। हमारे सामने बहुत सी अड़चनें आईं और अफवाह फैलाई गई। कहा गया कि हम ज्ञानवापी का केस नहीं लड़ेंगे।

मगर, बाबा का आशीर्वाद था। जिन्होंने साजिश रची, उन्होंने मुंह की खाई। 16 मई 2022 को ज्ञानवापी में वजूखाने के पानी को निकलवा रहे थे। उसी दौरान हम सबने अपने आराध्य भगवान शिव को देखा तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अगर ऐसे ही सहयोग रहा तो हमारे जितने भी धार्मिक स्थल काशी में या पूरे देश में हैं, उनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

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