प्रोफेसर साहब को स्वर्गवासी हुये /क्रिया कर्म निपटे 4 दिन भी नही बीते कि उनके बड़े बेटे रमाकांत घर के बंटवारे पे अड़ गये ..मन मारकर छोटे बेटे कृष्णकांत को भी नियति का खेल मानकर बटवारा के लिये बैठना ही पड़ा ...घर दरवाजा बाग जमीन आधा आधा बटने के बाद जब प्रोफेसर साहब के एकाउन्ट में पड़े 17 लाख नगद के बटने की बात आई तो कृष्णकांत ने क्रिया कर्म तेरहवीं आदि में लगे 2 लाख 30 हजार का हिसाब रख दिया और कहा --भैया ये मैने पिताजी पे खर्च किये है उसको पहले दे दीजिये फिर जो बचेगा उसे आधा आधा बांट लेंगे !!
रमाकांत भुनभुनाते हुये बोले --इतनी हाई फाई व्यवस्था करने की क्या जरूरत थी ? जो उसका क्लेम कर रहे हो खैर ले लो पैसे ...है तो बेईमानी के ..!!
( कृष्णकांत विजयी भाव से मुस्करायेंगे उनकी बीबी बच्चें भी खुश हो गये )
रमाकांत बिल की फाइल पकड़ाते हुये बोले -- भाई पिताजी के पैसे में से 5 लाख 80 हजार मेरा होता है अस्पताल का बिल है मेदांता का ...जो पैसे मेने दिये थे !!
कृष्णकांत हकलाते हुये बोले --भैया आप तो एयरलाइंस के अफसर है ये पैसा तो आपका विभाग आप को दे देगा ...बाबू जी के पैसे में से क्यो काट रहे है ?
अगर मैं जानता आप ऐसा करेंगे तो बाबू जी को सरकारी हास्पिटल में ही भर्ती करवाता --डूबते जहाज पे कौन #इन्वेस्टमेंट करता ?
रमाकांत मुस्कराते हुये बोले --भाई बाबू जी पे आप ने भी #इन्वेस्टमेंट किया था मैंने भी ...बस आप का क्लेम केवल बाबू जी के एकाउंट में पास हो रहा है मेरे इन्वेस्टमेंट का रिफंड दो दो जगह से हो रहा है !!
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उधर रमाकांत का बड़ा बेटा जल्द से डैडी के लिये लाये चश्मे का पैसा डायरी में नोट करने में लग गया छोटा बेटा जूते का बिल खोज रहा है जो डैडी के लिये लाया था ...कृष्णकांत का बेटा पूछ रहा है --डैड आपकी बाईपास सर्जरी जो करवानी है उसके पैसे तो मैं आप पे #इन्वेस्टमेंट कर दूंगा कही आप नही रहे तो रिफंड कैसे मिलेगा ?
" रमाकांत कृष्णकांत को #इन्वेस्टमेंट के रिफंड की जगह पूरे जीवन की प्रापर्टी ही डूबती दिख रही है "
व्यास तिवारी