अच्छा आपसे कोई पूछे कि रस कितने प्रकार का होता है तो आप का बोलेंगे ?
छोड़िये आपका तो नहीं पता बाकि हम तो इहे जानते हैं दुइ ठो होता है.. वीर रस और श्रृंगार रस ! यानी वीर रस के फॉलोवर लोग राष्ट्रवाद का झंडा उखाड़ते है और श्रृंगार रस के पूजक लोग एक नियत समय पर भौजीवाद का ।
देखिये दोनों में बहुते समानता है भक्ति तो करनी ही पड़ती है उधर फ़लाना जी की इधर फलानी जी की 😊
हाँ तो बात ई है कि एक जमाने के घनघोर राष्ट्रवादी हमरे अन्हरिया के टिमकते चांद मने की 'निशिकांत' भैया अब उस 'नियत' समय मे प्रवेश कर चुके थे जो फलतः 'भौजीवाद' की मनोहर रमणीक शाखा थी ।
भौजी और साली-ससुराल सहित पूरा कुनबा हमरे भैया को 'भौजीपति' बनाने के लिये एकदम अखंड प्रतिज्ञ था ख़ासकर उ एकलौता सार तो कुछ ज्यादा ही उछल रहे थे ।
उ दिन था 27 मई 2017 जब हम पहुचें बिहार तो पता चला राष्ट्रवादिया भैया तो मोदीवादीया के मार्ग से विचलित हो भौजीवादिया मार्ग पर उतर आने का निर्णय कर चुके थे ।
हम ठहरे शुभचिंतक अपने भैया के , खुबे समझाये भैया को....
"देखिये बियाह वाला मर्द के जिंदगी में बस दर्द होता है , अपने मोदिये जी से सिख लेते कुछ...'बिना पत्नी सब रत्नी'...कितना निफिक्र होकर समंदर पर समंदर सात समंदर लांघते रहते हैं "
लेकिन भैया तो अटलव्रत ले चुके थे..
'ई डॉली की डोली हमरे घरे आयेगी !!
कुछ तो बात थी हमरी भौजाई में वरना एगो जोनल हेड/इंजीनियर/मैनेजर/राष्ट्रवादी के कम्बीनेशन से सबकी काटने वाले भैया की एगो मैनेजराइन न काट पाती ।
बाकी कटनी तो थी ही और ये मैनेजरी नहीं भौजाई के आखियन की रडार थी ❤
आज तिलक एवं फ़लदान था !
मजे की बात देखिये की हमरे भैया ने अपने कटने के लिये कितनी जबर तैयारी की थी ।
पाँच किस्म का जूस , 28 प्रकार के खाने , बिसलेरी का बोतल , चाट - गोलगप्पे , रंग विरंगे कोल्डड्रिंक्स , हवाई से लेकर रसमलाई मिठाई..मतलब कटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं , ससुर पेट भी फट जाये इनके कटने के चक्कर मे ।
वैसे एक बात तो थी निशि भैया ने अपनी आवाभगत से दिल जीत लिया हमारा ।
वैसे समय मे जब दूल्हा फेशियल कराकर घर मे बैठता है वहीं निशि भैया सबके आगवानी में लगे रहे ।
वो मैनेजर क्यों हैं तब पता चला , कंपनी से लेकर वास्तविक जिंदगी तक के मैनेजर ही हैं ये इंजिनियर साहेब ।
हाँ तो बड़ाई ज्यादा हो गई , फूल मत जाइयेगा ।
किसी भी भौजीवादी के लिये उसकी जिंदगी का सबसे कीमती , यादगार दिन उसका भौजीपति के रूप में शपथग्रहण वाला दिन होता है !
हाँ सही समझे आप !
आज दिन 31 मई 2017 का वो ऎतिहासिक दिन था जिस दिन इंजिनियर 'निशिकांत राय' भैया 'परिछावन' रूपी संस्कार करा बड़ी बुजुर्ग औरतों का आशीर्वाद ले अपने पूरे लाव लश्कर सहित भौजाई 'डॉली राज' की डोली टांग लाने के लिये पटना प्रस्थान कर गये ।
आगे आगे निशिकांत भैया मुगलिया बादशाह के रूप में , पीछे पिछे उनकी बाराती सेना ।
अब आप ये सोच रहे होंगे कि हम कहाँ थे तो अरे सरकार हम अपने टीम लीडर सौरभ भैया , छोटके संतरी लोग पवन अर्पित , निशांत , गोलू , संजीव संग एकदम दूल्हा भैया के आगे पीछे रहते थे ।
उ का है न हमको भी बरोबर अटेंशन मिलते रहता था और दूसरी बात मंत्री संतरी सब राजा के साथ ही रहता है न ।
बरात भौजाई के घर पहुँच चुकी थी ।
सबका टाइम आता है अब डीजे का टाइम था ।
पटना की सड़कों पर जब 'आरा जिला उखाड़ देला किला' बजा तो कालर हमारी खड़ी हो गई कसम से । मन किया कि कुर्ता फाड़ के नाचें ..अरे अपना नहीं जी बगल वाले का ।
वैसे समा तो भोजपुरी गीत चोय चोय ने ही लुटा..😜
और इस तरह डीजे अध्याय खत्म हो जयमाल विधि में हम पहुँच गये ।
स्टेज पर चढ़ते ही हमारा ईमान भी डोल गया !
एक तरह भैया-भौजी की मनमस्तमग्न जोड़ी दूजी तरफ..हरियाली ही हरियाली...
मेरे रश्के कमर ..तूने पहली नजर ..जब नजर से मिलाई..मजा आ गया 💕❤.
खैर किसी तरह सिसकते होठ और धड़कते दिल को ले विवाह विधि सम्पन्न कराने हम विवाह मंडप में पहुँच गये ।
मंत्रोच्चार के बीच सुशोभित भैया-भौजी का सनातन विवाह एक अद्भूद सुख दे रहा था ।
भविष्य निर्माण 😜 के योजनाओं में खोये हमको ई ख्याल आया अचानक से कि परेशान तो ई फोटोग्राफर वाला भी कम नहीं करते , लटक के झटक के , झुक के झुका के , अटक के अटका के ...एकदम ससुरे अति कर दिये रहे थे ।
अजीब ही है वर्तमान को वर्तमान में न देख भविष्य में देखना ।
विवाह संपन्न हो चुका था...भोर की किरण फूट चुकी थी...भैया सालियों के बीच मे चांदी कूट रहे थे और हम सब बाहर बैठ के कर्म कूट रहे थे 😊 ।
विधि विधान सब पूर्ण हुआ । विदाई भी हो ही गई भौजाई की हम बरातियों सहित ।
मन तो मेरा कुलबुला रहा था कि उ गोरकी मैडम के भी ले चलें भौजाई के संगे पर नियति नामक एक लिमिटेशन की लिमिट लग ही जाती है ।
खैर ...जादू तेरी नजर...खुश्बू तेरा बदन😘😘 ।
फ़िलहाल की खबर है कि भौजी अपने प्रेम मे भैया को समेट चुकी हैं और हम चाचा बनने के आस में लाल हुये जा रहे ....
लव यू भैया-भाभी 💕💕😘
अंत मे लव यू फलानी जी 😜 (इसबार पूछियेगा मत खाने के लिये ,जहर भी खिलायेंगी...आँचल से ढक के ..तो खा लेंगे जी )
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
नोट : आप कहेंगे कि हमको क्या मिला.. तो सरकार देखिये न आपके लिये कित्ते प्यारे प्यारे चरित्र का चित्र लाये हैं ।
पिक 1 में हीरो हीरोइन के अलावे तनिक छोटे मोटे लोग हैं बाकी पिक 2 में राजनीतिक क्षेत्र के दिग्गज हैं ।
÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷
संदीप तिवारी 'अनगढ़'
"आरा"