ग़ज़ल : हौसलों को अपने पंख बना दो..बुशरा कुरैशी

Update: 2019-05-18 10:09 GMT


मिले ना गर जवाब कहीं,

खुद से ही तुम सवाल पूछो।

भीड़ में तुम इस दुनिया की,

फिर एक बार खुद को ढ़ूंढो।

जो पहुंचना हो मंजिलों पर,

फिर राहों की दुश्वारियाँ ना देखो।

हौंसलों को अपने पंख बना दो,

मेहनत से अपनी जग जीतो।

माना के आसान नहीं होगा ये सफर,

फिर भी चलते जाओ,खुद को मत रोको।

मिले ना गर जवाब कहीं,

खुद से ही तुम सवाल पूछो।।


बुशरा कुरैशी कानपुर, उत्तरप्रदेश

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