पाकिस्‍तान के चार टुकड़े होंगे तभी हम शांत रहेंगे: जनरल जीडी बख्शी

Update: 2016-08-13 18:52 GMT

भारतीय सेना से रिटायर मेजर जनरल जीडी बख्शी ने पाकिस्‍तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. आईआईटी मद्रास में जीडी बख्शी ने कहा कि अगर भारत की एकता को बरकरार रखना है तो पाकिस्‍तान से युद्ध जरूरी है.

बख्‍शी यहीं नहीं रुके, उन्‍होंने कहा, 'जब हम आर्मी में थे पाकिस्‍तान को दो हिस्‍सों में बांट दिया था. यह देश इससे भी गया-गुजरा है. आज की युवा पीढ़ी को चाहिए कि वह पाकिस्‍तान के चार टुकड़े कर दें, तभी हम शांति से रह पाएंगे.'

आईआईटी मद्रास में एमटेक की पढ़ाई करने वाले छात्र अभिनव सूर्या ने जनरल जीडी बख्शी के इस बयान की निंदा की है. साथ ही सूर्या ने संस्‍थान के निदेशक को खुला पत्र भी लिखा है.

बख्‍शी के बयान को बताया अंधराष्‍ट्रीयता

अभिनव ने जीडी बख्‍शी के बयान को अंधराष्‍ट्रीयता से प्रेरित बताया है. पत्र में अभिनव ने स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर जनरल जीडी बख्‍शी को बोलने देने के लिए संस्‍थान का मंच देने पर सवाल उठाया है. उसने कहा है कि मैं यह बात समझ नहीं पा रहा हूं कि संस्‍थान ने ऐसे लोगों को बोलने के लिए क्‍यों बुलाया, जिनका भाषण छात्रों को पाकिस्‍तान के खिलाफ युद्ध के लिए उकसाने वाला था. उनका भाषण नफरत और अमानवीयता के लिए उकसाने के साथ-साथ बर्बरता का महिमामंडन करने वाला था.

सूर्या ने बख्‍शी पर आरोप लगाया है कि उन्‍होंने भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन को गलत तरीके से प्रस्‍तुत किया. उन्‍होंने कहा कि बख्‍शी ने कहा कि सेना में जो भारतीय थे, केवल उन्होंने ही देश को आजादी दिलाई. बाकी सब अहिंसा के नाम पर जो कर रहे थे, वह सब बकवास था.'

बख्‍शी अपने बयान पर कायम

अभिनव के पत्र की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खासी बहस छिड़ गई है। कुछ लोग बख्शी के भाषण की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ लोग अभिनव के पत्र का समर्थन कर रहे हैं।

हालांकि बख्‍शी अभी भी अपने पक्ष पर कायम होने की बात कही है. उन्होंने यह भी कहा कि जब वह जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बोल रहे थे तब, कुछ कश्मीरी छात्र शोर मचाने लगे, जिससे उन्‍हें शांत होना पड़ा, उन्होंने अपने लिखित बयान में कहा कि वहां मौजूद अन्‍य छात्रों ने कश्‍मीरी छात्रों का विरोध किया था.

इस पूरे मसले पर आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति ने कहा कि यह संस्थान के औपचारिक कार्यक्रमों का हिस्सा नहीं था.

मालूम हो कि आईआईटी मद्रास में ही पिछले साल विचाराधारा के स्‍तर पर मोदी सरकार की आलोचना करने के आरोप पर दलित छात्रों के ग्रुप अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्किल पर कार्रवाई की गई थी.

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