नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का असर दिखने के बाद विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग रैंकिंग में भारत की स्थिति और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा रैंकिंग में जीएसटी जैसे बड़े आर्थिक सुधार का असर शामिल नहीं हुआ है। उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए कि कारोबार को आसान बनाने के लिए सरकार अभी जीएसटी को और आसान बनाया जाएगा। इस संबंध में जीएसटी काउंसिल की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में कदम उठाये जा सकते हैं।
विश्व बैंक की रैंकिंग में भारत की लंबी छलांग के उपलक्ष्य में आयोजित वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम इंडिया बिजनेस रिफार्म्स में प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने मंत्रियों का एक समूह गठित किया है जो कारोबारियों और उद्यमियों के समक्ष आने वाली समस्याओं का आकलन कर रहा है। मंत्रिसमूह की इन्हीं सिफारिशों पर काउंसिल इस महीने 9 और 10 तारीख को गुवाहाटी में होने वाली बैठक में विचार करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली काउंसिल की बैठक में सभी राज्य अगर सहमत हो जाते हैं तो इन बदलावों का ऐलान कर दिया जाएगा। पिछले महीने हुई काउंसिल की बैठक में भी काउंसिल ने कई बदलाव किये थे।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर विश्व बैंक की ताजा रैंकिंग पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा इसमें देश में जीएसटी पर अमल और उसके प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा 'आप सभी जानते हैं कि जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है। और यह कारोबार करने के बहुत से तरीकों को प्रभावित करेगा। जीएसटी के जरिए हम एक पारदर्शी, आधुनिक और स्थायी टैक्स व्यवस्था में प्रवेश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसे सुधारों का असर दिखने में वक्त लगता है।प्रधानमंत्री ने कहा कि कई ऐसे सुधार भी हैं जिन पर हमें और विश्व बैंक को एक साझा आधार तलाशना होगा। उन्होंने कहा 'और बेहतर करने की हमारी प्रतिबद्धता मुझे विश्वास दिलाती है कि विश्व बैंक की अगले साल आने वाली रिपोर्ट में भारत का स्थान और ऊंचा होगा।' उन्होंने कहा कि एक नया भारत बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें जरूरतमंदों के लिए अवसर पैदा करने पर जोर है।