इस समय प्रत्येक भारतीय नोटबंदी के अलावा कोई और बात नहीं कर रहा है। इस मुद्दे ने हर किसी को प्रभावित किया है।
भले ही सरकार कहती है कि नोटबंदी और 2000 व 500 के नये नोट आने से लंबी अवधि में देश को फायदा होगा, जबकि सच तो यह है कि इससे जुड़ी ढेर सारी शिकायतें देश भर से मिल रही हैं।
हर कोई अपनी बात रख रहा है। आप भी रखिये, वनइंडिया के इस सर्वे के माध्यम से।
क्या आप सरकार की नोटबंदी की पहल का समर्थन करते हैं?
क्या आप मानते हैं कि ये निर्णय पब्लिसिटी स्टंट के अलावा और कुछ नहीं?
कालेधन पर रोक लगाने के लिए 1000 रुपए का नोट बैन किया गया, क्या 2000 के नोट से और नहीं बढ़ेगा?
क्या सरकार ने इसकी पूरी तैयारी नहीं की थी? क्या कुछ और नए नोटों की छपाई होनी चाहिए थी?
क्या आप सहमत हैं कि गोपनीयता बनाए रखने की वजह से इसे लागू करने की रफ्तार धीमी रही?
नोटबंदी वास्तव में आम जनता की किस तरह मदद करेगी?
क्या कालेधन को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा?
क्या आपको लगता है कि सरकार इसमें फेल हो गई है और इस निर्णय को वापस ले लेना चाहिये?
आम आदमी जिन समस्याओं को झेल रहा है, उसके लिये आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?
क्या आप मोदी की इस बात पर भरोसा करते हैं कि दिसंबर तक सब कुछ ठीक हो जायेगा?
आने वाले विधानसभा चुनावों में नोटबंदी का क्या प्रभाव पड़ेगा