केंद्र के पास अधिकार, जम्मू-कश्मीर के किसी भी क्षेत्र में लगा सकती है AFSPA

Update: 2019-11-01 14:39 GMT

नई दिल्ली,  । जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) और लद्दाख (Ladakh) के केंद्र शासित प्रदेश ( Union Territories ) बन जाने के बाद केंद्र सरकार अधिकार आ गया है कि वह किसी भी क्षेत्र को अफस्पा (AFSPA) के तहत 'अशांत' घोषित कर सकता है। इसके तहत सुरक्षाबलों को किसी भी संदिग्ध के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष अधिकार प्राप्त होता है।

जम्मू और कश्मीर राज्य विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। गुरुवार को हुए इस बदलाव से पहले जिला मजिस्ट्रेटों के माध्यम से राज्य सरकार को अफस्पा के तहत किसी विशेष जिले या थाना क्षेत्र को 'अशांत' घोषित करने का अधिकार दिया गया था, जिसमें सुरक्षा बल किसी को भी रोक सकते हैं, उनकी तलाशी ले सकते हैं और यहां तक ​​कि सुरक्षाबलों को गोली चलाने का भी अधिकार है।

एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम, 1990 (1990 का 21वां) का प्रशासन अब गृह मंत्रालय के तहत जम्मू, कश्मीर और लद्दाख मामलों के विभाग के साथ निहित किया गया है।

अफस्पा उन क्षेत्रों में लगाया जाता है जहां सिविल अधिकारियों को सहायता के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता होती है। अफस्पा लागू करने के लिए किसी भी क्षेत्र को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अशांत घोषित किए जाने की आवश्यकता होती है। अफस्पा एक्ट लागू होने की वजह से सुरक्षाबलों को किसी भी तरह की कार्रवाई से बचाव मिलता है।

बता दें कि 1990 में जम्मू-कश्मीर राज्य में अफस्पा कानून लागू किया गया था। हालांकि, नए केंद्र शासित प्रदेश बने लद्दाख के लेह और कारगिल क्षेत्रों को कभी भी अशांत घोषित नहीं किया गया। राज्य के द्विभाजन के बाद पुलिस और कानून व्यवस्था दोनों को गृह मंत्रालय उपराज्यपालों के माध्यम से देखेगा।

सुरक्षाबलों को मिलने वाला अधिकार

संदिग्ध के खिलाफ बिना वारंट गिरफ्तार करने का अधिकार।

बिना वारंट घर की तलाशी लेने का अधिकार।

जरूरत के समय गोली चलाने तक का अधिकार।

अफस्पा की वजह से सैनिक को कार्रवाई से बचाव मिलता है।

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