आधे हिंदुस्तान की हवा में घुला जहर, दिल्ली-एनसीआर के हालात बदतर, पीएमओ ने संभाला मोर्चा
प्रदूषण के जहर से आधा हिंदुस्तान परेशान है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार समेत तकरीबन आधे हिंदुस्तान की आबोहवा और दमघोंटू व जहरीली हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में तो प्रदूषण अपने सर्वोच्च पैमाने 'गंभीर रूप से खतरनाक' स्तर को भी पार करते हुए तीन गुना आगे तक चला गया है। सोमवार की सुबह एक बार फिर दिल्ली धुंध की चादर में लिपटी नजर आई।
सोमवार की सुबह दिल्ली में लोधी रोड पर वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े डराने वाले दिखे। सूचकांक के मुताबिक पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 तक जा पहुंचा है। यह वायु गुणवत्ता के लिहाज से बेहद गंभीर है।
Delhi: Major pollutants PM 2.5 & PM 10, both at 500, remain in 'severe' category in Lodhi Road area, according to Air Quality Index (AQI) data. pic.twitter.com/rqLyaPMZvK
— ANI (@ANI) November 4, 2019
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आपात बैठक की। अब वह खुद प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर 24 घंटे निगरानी रखेगा। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। मीटिंग में दिल्ली के अधिकारियों के अलावा पंजाब और हरियाणा की राज्य सरकारों के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़ेंगे।
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पर्यावरण मंत्रालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उच्च स्तरीय बैठकों के जरिये दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण की समय-समय पर समीक्षा करेगा। इसके अलावा कई मंत्रालयों, राज्यों और विभागों से मिलकर बने एक समीक्षा पैनल प्रदूषण पर निगरानी रखेगा, जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की नजर रहेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक देश के पांच सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में नोएडा तीसरे स्थान पर रहा। दिल्ली में पिछले तीन साल में हवा सबसे प्रदूषित दर्ज की गई।
आसमान में छाई धुंध की वजह से दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर 37 उड़ानों के मार्ग बदले गए। इस बीच, ऐसे बदतर हालात को देखते हुए दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा समेत गौतमबुद्ध नगर में पांच नवंबर तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।
सात औद्योगिक और यातायात कॉरिडोर पर फोकस
प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने बैठक के बाद बताया कि दिल्ली में 300 टीमें हालात सुधारने में जुटी हैं। उन्हें इस काम के लिए जरूरी उपकरण दिए गए हैं। सभी राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए टीमों को काम सौंप दिया गया है। एनसीआर के सात औद्योगिक इलाकों और यातायात कॉरिडोर पर फोकस है। केंद्र लगातार प्रदूषण यूनिटों, कचरा जलाने और निर्माण कार्यों पर करीबी नजर रख रहा है।
दिल्ली सरकार ने जारी की एडवाइजरी
दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा स्तर तक पहुंच चुके प्रदूषण को लेकर रविवार को अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने लोगों से अपील की है कि वो जितना संभव हो सके घर से बाहर जाने से बचें। एडवाइजरी में कहा गया है कि वायु प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और यह बीमारी का कारण भी बन सकता हैं। खासकर सांस जैसी बीमारियों का कारण भी बन सकता है।
यूपी में कूड़ा, पॉलीथीन व पराली जलाने पर रोक
उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कूड़ा, पॉलीथीन व पराली जलाने पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश राजस्व, नगर विकास, पर्यावरण, कृषि एवं लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव को दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देशों का पालन नहीं करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही पराली को खेत की मिट्टी में मिलाकर कंपोस्टिंग के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने, निर्माण स्थलों के आसपास धूल पर नियंत्रण के लिए नियमित पानी का छिड़काव कराने को कहा है।
सोम-मंगल को चलेंगी तेज हवाएं, मिल सकती है कुछ राहत
इस बीच, मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को दिन में तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है जिससे धुंध से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। विभाग के मुताबिक, चक्रवात 'महा' और ताजा पश्चिमी विक्षोभ के असर से सात और आठ नवंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में छिटपुट स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। हालांकि, यह बारिश हल्की होगी, लेकिन पराली जलाने के असर को कम करने में अहम साबित होगी और प्रदूषकों को भी दूर करेगी।
कितना एक्यूआई
दिल्ली- 1015
नोएडा-1492
गाजियाबाद-1529
गुड़गांव-1535
फतेहगढ़ साहिब-475
अमृतसर-185
बंगलूरू-179
चेन्नई-158
आसनसोल-169
विशाखापत्तनम-183
कोलकाता-158
पटना-256
लखनऊ-279
जोधपुर-164
(आंकडे़: एयर क्वालिटी इंडेक्स डॉट कॉम के मुताबिक)
500 से ऊपर 'बेहद गंभीर आपातकालीन' स्थिति
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच 'बेहतर', 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'खराब', 201 से 300 के बीच 'बेहद खराब', 301 से 400 के बीच 'खतरनाक' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर रूप से खतरनाक' माना जाता है। वहीं, हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
प्रदूषण से 1.8 साल कम हो जाती है जिंदगी
एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के अनुसार टीबी, मलेरिया, एचआइवी, सड़क दुर्घटना और दूषित पानी के अलाव वायु प्रदूषण से भी मानव जीवन पर असर पड़ता है। लोगों की जिंदगी कम हो जाती है। ये सभी आम लोगों के जीवन के 3.5 माह से 1.8 साल तक के जीवन को कम कर देती हैं।
किससे कितनी कम होती है जिंदगी
टीबी: 3.5 माह
मलेरिया: 4 माह
एचआईवी: 4 माह
सड़क हादसा: 4.5 माह
दूषित पानी: 7 माह
शराब-ड्रग्स: 11 माह
धूम्रपान: 1.6 साल
वायु प्रदूषण: 1.8 साल
यह करें उपाय
घर के अंदर ही योग या व्यायाम करें, बाहर वर्कआउट करने से बचें।
सुबह सैर पर जाने से बचें। खाली पेट न निकलें।
घर के आसपास धूल जमा हो तो पानी का छिड़काव करें।
मास्क या चेहरे पर रुमाल का इस्तेमाल करें।
आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
खानपान में सुधार करें, खूब सारा पानी पिएं।
सांस के मरीज, अस्थमा के मरीज और बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें।
जिन्हें पहले से सांस या फेफड़े की बीमारी है वे अपनी दवाईयां अपने पास रखें।
यदि मास्क का उपयोग करते हैं तो प्रमाणित मास्क का उपयोग करें और उपयोग के लिए दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करें। इस स्थिति में कपड़े के मास्क ज्यादा प्रभावी नहीं हैं।
खाना बनाते समय धुएं से बचें और जितना हो सके धुआं रहित ईंधन गैस या फिर बिजली का उपयोग करें।
सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
पत्तियां, लकड़ी, कृषि उत्पाद, कचरा न जलाएं।
भारी ट्रैफिक वाले स्थानों और प्रदूषण वाले स्थानों, निर्माण स्थलों आदि के पास न जाएं।
सुबह टहलने से बचे और न ही शारीरिक व्यायाम करें।
सुबह और देर शाम के घर दरवाजे और खिड़कियां न खोलें।
सिगरेट, बीड़ी और संबंधित तंबाकू उत्पादों का धूम्रपान न करें।
संभव हो तो सफर करने से बचे।