उल्लेखनीय है कि जनपद सीतापुर में हुए पंचायत चुनाव के बाद से यहां की राजनीति की दिशा और दशा दोनों ही बदल गयी। करीब तीन साल तक जिले में सत्ता की बागडोर संभाले और जिले में मिनी मुख्यमंत्री के नाम से मशहूर विधायक रामपाल यादव ने बीते पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सीमा गुप्ता के खिलाफ अपने बेटे जितेंद्र यादव को क्या खड़ा किया सीतापुर की राजनीति में तूफान ही आ गया।
हालांकि इस चुनाव में पार्टी लाइन से अलग जाना विधायक को महंगा साबित हुआ। इसके बाद विधायक के कारोबार पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई थी। लेकिन, फिर भी विधायक ने इस चुनाव में अपने बेटे की जीत दर्ज करवाई। वहीँ, पार्टी मुखिया ने सीतापुर में दोषी मानते हुए 5 विधायकों को निलंबित और पार्टी इकाई को भंग कर दिया था।
साथ ही ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी निलंबित रहने के बावजूद निलंबित विधायक द्वारा पार्टी प्रत्याशियों को करारी शिकस्त देकर अपने निर्दलीय प्रत्याशियों को विजयी बनवाया गया। जिसके बाद सीतापुर में यही चर्चा रही की सीतापुर में समाजवादी पार्टी का कोई अस्तित्व नहीं है।
इसके साथ ही बीते 2 मई को सपा के कुछ मुस्लिम नेताओं द्वारा एक बड़ा मुस्लिम सम्मेलेन का कार्यक्रम ऑर्गनाइज किया जाना था। सूत्रों की मानें तो उक्त सम्मेलन के सहारे कुछ मुस्लिम नेताओं द्वारा पार्टी को बैक डोर से दबाव में लिया जाना तय था। वहीँ उक्त सम्मेलन की प्रेसवार्ता 25 अप्रैल को विधायक रामपाल के स्पर्श होटल में की गयी। जिसके बाद 27 तारीख को ही विधायक रामपाल का समय ख़राब हो गया। उसी दिन सबसे पहले विधायक के लखनऊ जियामऊ स्थित अवैध कॉम्प्लेक्स को तोड़ा गया और इसके बाद सीतापुर में उनका अवैध रूप से बना स्पर्श होटल पर भी कार्रवाई कर तोड़ दिया गया। साथ ही लखनऊ में विधायक रामपाल सहित सात अन्य लोगों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
विधायक रामपाल का सभी ने छोड़ा साथ
जेल से बाहर आते ही विधायक रामपाल ने बगावती सुर अपनाकर एक प्रेसवार्ता कर मुख्यमंत्री से अपनी जान को खतरा और बीते ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में पार्टी नेताओं द्वारा टिकट वितरण में रुपये लेने का आरोप लगाया। साथ ही सीतापुर के सभी विधायकों के अपने पक्ष में होने की बात मीडिया से कही।
लेकिन, सूत्रों की मानें तो उक्त विधायक द्वारा की गयी प्रेसवार्ता सीतापुर के नेताओं को रास नहीं आई। इस मामले में जिलाध्यक्ष छत्रपाल यादव ने कहा कि जो गड़बड़ थे वो चले गए, अब सब ठीक है। सभी लोग पार्टी के साथ हैं। वहीँ, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कमलेश यादव ने कहा कि सीतापुर में विधायक रामपाल का कोई जनाधार नहीं है और न ही कोई विधायक इनके साथ है। वहीँ, विधायक अनूप गुप्ता ने कहा कि सीतापुर का कोई भी विधायक रामपाल के साथ नहीं है। सभी पार्टी के साथ हैं। विधायक मनीश रावत ने कहा कि जब तक वो पार्टी में थे, तब तक सब उनके साथ थे। आज जब वो पार्टी में नहीं हैं, तो कोई उनके साथ नहीं है।
बढ़ सकती है विधायक की मुश्किलें
चर्चा है की विधायक रामपाल यादव द्वारा मुख्यमंत्री पर लगाये गए आरोपों के बाद विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती है। सूत्रों की मानें तो जल्द जिला प्रसासन, विधायक के अवैध कब्जे और की गयी अवैध प्लॉटिंग पर शिकंजा कस सकता है।