उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में गुजरात की अरबपति कारोबारी की पत्नी और 'पेज थ्री' सेलेब्रिटी प्रीति महापात्रा ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उतरकर पूरा गेम बिगाड़ दिया है. उनके मैदान में उतरने से कांग्रेस के कपिल सिब्बल की नींद हराम हो गई है.
इतना ही नहीं, बुधवार को प्रीति से मिलने कई पार्टियों के विधायक भी पहुंचे. इसके बाद से 11 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की आशंक् बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 11 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
बीजेपी के इस गेम के पीछे की वजह एक यह भी है कि यह चुनावी साल है. ऐसे में कुछ विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए पैसों की भी जरूरत पड़ेगी. वैसे में प्रीति से हाथ मिलाकर उनका काम हो सकता है. और तो और कांग्रेस के कपिल सिब्बल का गेम भी बिगड़ जाएगा.
यह है नंबर गेम
प्रीति महापात्रा को राज्य सभा में जीत के लिए 34 वोट चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से एक कैंडिडेट को राज्य सभा भेज सकती है. उसके पास 44 वोट हैं. ऐसे में उसके पास अतिरिक्त 10 वोट हैं. बीजेपी ने ऐलान किया है कि उसके सारे सरप्लस वोट प्रीति को जाएंगे.
सपा के निष्काषित रामपाल यादव भी प्रीति को ही वोट करेंगे. सपा और बसपा के अतिरिक्त वोट को खरीदने की जुगत भी चल रही है. इसके अलावा, निर्दलीय, राष्ट्रीय लोक दल और अन्य छोटी पार्टियों के विधायक भी प्रीति के खेमे में जा सकते हैं. इतना ही नहीं, हार की स्थिति में कांग्रेस के विधायक भी टूट सकते हैं.
यही वजह है कि कपिल सिब्बल की हालत पतली हो गई है. सपा के अतिरिक्त वोट से राज्य सभा जाने का ख्वाब देखने वाले कपिल सिब्बल को झटका लग सकता है. कांग्रेस के 29 वोट हैं और उसकी नजर सपा के अतिरिक्त 9 वोटों पर थी. लेकिन अब प्रीति के मैदान में आने से मामला गंभीर हो गया है.
बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
अब जब राज्य सभा के लिए मतदान होना तय है तो माना जा रहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त भी होगी. विपक्षी इस खेल के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रीति के आने से पहले सभी का निर्विरोध चुना जाना तय था.
इसके अलावा, जिस तरह से बुधवार को प्रीति से सभी पार्टियों के विधयाकों ने मुलाकात की है, उससे भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ विधायकों को दो करोड़ रुपए तक के ऑफर मिले हैं. हालांकि इसकी किसी ने भी पुष्टि नहीं की है. इतना तो तय है कि 2002 के बाद से पहली बार 24 विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
यूपी में बीजेपी के पास 44 की स्ट्रेंथ है और हमारे कैंडिडेट शिवकुमार शुक्ल के जीत के लिए 34 वोट चाहिए. प्रीति ने हमसे संपर्क किया और कहा कि हमें अतिरिक्त वोट दे दीजिये. सपा-बसपा और कांग्रेस के गठजोड़ के खिलाफ वे संघर्ष करेंगी. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें अतिरिक्त 10 वोट देने का फैसला किया है. अब प्रीति हॉर्स ट्रेडिंग करें या कुछ और उससे बीजेपी का कोई लेना देना नहीं.
गौरतलब है कि प्रीति के नामांकन के दौरान पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राधामोहन अग्रवाल समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.
बीजेपी गन्दी पॉलिटिक्स कर रही है और निश्चित रूप से विधायकों की खरीद फरोख्त होगी. उनके मुताबिक आने वाले समय में बीजेपी के लिए यह बहुत घाटे का सौदा साबित होने जा रहा है.
कांग्रेस के ओमकार सिंह ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल जी ने ठीक ही कहा था कि यह सरकार सूट-बूट की सरकार है. सिंह ने आरोप लगाया कि झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई जगहों पर इन्होने उद्योगपतियों को मैदान में उतारा है. ओमकार सिंह ने कहा कि लेकिन यूपी में प्रीति का मंसूबा पूरा नहीं होगा और सभी ऑफिसियल कैंडिडेट की ही जीत होगी.
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के मंत्री शैलेन्द्र सिंह लल्ली ने कहा कि उनका एक भी विधायक नहीं टूटेगा. शैलेन्द्र के मुताबिक, यही गलती बीजेपी ने सुधांशु मित्तल को लाकर की थी. मित्तल तो चप्पल पहन कर गए थे, लेकिन प्रीति नंगे पांव जाएंगी.
इतना ही नहीं, बुधवार को प्रीति से मिलने कई पार्टियों के विधायक भी पहुंचे. इसके बाद से 11 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग की आशंक् बढ़ गई है. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 11 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
बीजेपी के इस गेम के पीछे की वजह एक यह भी है कि यह चुनावी साल है. ऐसे में कुछ विधायकों को चुनाव लड़ने के लिए पैसों की भी जरूरत पड़ेगी. वैसे में प्रीति से हाथ मिलाकर उनका काम हो सकता है. और तो और कांग्रेस के कपिल सिब्बल का गेम भी बिगड़ जाएगा.
यह है नंबर गेम
प्रीति महापात्रा को राज्य सभा में जीत के लिए 34 वोट चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से एक कैंडिडेट को राज्य सभा भेज सकती है. उसके पास 44 वोट हैं. ऐसे में उसके पास अतिरिक्त 10 वोट हैं. बीजेपी ने ऐलान किया है कि उसके सारे सरप्लस वोट प्रीति को जाएंगे.
सपा के निष्काषित रामपाल यादव भी प्रीति को ही वोट करेंगे. सपा और बसपा के अतिरिक्त वोट को खरीदने की जुगत भी चल रही है. इसके अलावा, निर्दलीय, राष्ट्रीय लोक दल और अन्य छोटी पार्टियों के विधायक भी प्रीति के खेमे में जा सकते हैं. इतना ही नहीं, हार की स्थिति में कांग्रेस के विधायक भी टूट सकते हैं.
यही वजह है कि कपिल सिब्बल की हालत पतली हो गई है. सपा के अतिरिक्त वोट से राज्य सभा जाने का ख्वाब देखने वाले कपिल सिब्बल को झटका लग सकता है. कांग्रेस के 29 वोट हैं और उसकी नजर सपा के अतिरिक्त 9 वोटों पर थी. लेकिन अब प्रीति के मैदान में आने से मामला गंभीर हो गया है.
बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप
अब जब राज्य सभा के लिए मतदान होना तय है तो माना जा रहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त भी होगी. विपक्षी इस खेल के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रीति के आने से पहले सभी का निर्विरोध चुना जाना तय था.
इसके अलावा, जिस तरह से बुधवार को प्रीति से सभी पार्टियों के विधयाकों ने मुलाकात की है, उससे भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ विधायकों को दो करोड़ रुपए तक के ऑफर मिले हैं. हालांकि इसकी किसी ने भी पुष्टि नहीं की है. इतना तो तय है कि 2002 के बाद से पहली बार 24 विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है.
— राधा मोहन अग्रवाल, बीजेपी विधायक
गौरतलब है कि प्रीति के नामांकन के दौरान पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राधामोहन अग्रवाल समेत कई दिग्गज मौजूद रहे.
— हेमंत तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार
कांग्रेस के ओमकार सिंह ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल जी ने ठीक ही कहा था कि यह सरकार सूट-बूट की सरकार है. सिंह ने आरोप लगाया कि झारखण्ड, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई जगहों पर इन्होने उद्योगपतियों को मैदान में उतारा है. ओमकार सिंह ने कहा कि लेकिन यूपी में प्रीति का मंसूबा पूरा नहीं होगा और सभी ऑफिसियल कैंडिडेट की ही जीत होगी.
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के मंत्री शैलेन्द्र सिंह लल्ली ने कहा कि उनका एक भी विधायक नहीं टूटेगा. शैलेन्द्र के मुताबिक, यही गलती बीजेपी ने सुधांशु मित्तल को लाकर की थी. मित्तल तो चप्पल पहन कर गए थे, लेकिन प्रीति नंगे पांव जाएंगी.