भारत की सरहद की तरफ बढ़ रही पाकिस्तानी फौज, सेना हुई सतर्क

Update: 2016-07-16 02:07 GMT
पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. लगातार भारत विरोधी हरकतों के लिए बदनाम पाकिस्तान एक बार फिर से भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है. आईबीएन 7 को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी फौज भारत-पाकिस्तान सरहद के करीब बढ़ रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 5 से 7 हजार पाकिस्तानी फौजी सरहद के पास बढ़ चुके हैं. यह सिलसिला बीते 15 जून से लगातार जारी है. भारत पाकिस्तान के इस हरकत के बाद से सतर्क हो गया है. इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रहा है.

जानकारी मिली है कि 15 जून से ही पाकिस्तान ने POK में फौजियों की तादाद बढ़ानी शुरू कर दी है. जिसके बाद से भारत एलर्ट हो गया है. क्योंकि POK आतंकवादी गुटों का, घुसपैठियों का और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों का ठिकाना माना जाता है. जहां से यो लोग भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देते हैं.

खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी फौज की स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड ने POK में फौजियों की संख्या बढ़ाने के फैसले को अमल में लाना शुरू कर दिया है. पता चला है कि पाकिस्तानी फौज ने कम से कम 7 बटालियनों को 15 जून से ही POK भेजना शुरू कर दिया है.

भारतीय सेना ने सेटेलाईट के जरिए POK के हिस्से की तस्वीर ली है. जिसमें ये साफ हो रहा है कि पाकिस्तानी फौजियों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. पाकिस्तान भारतीय सरहद से लगे POK में अचानक फौज की तैनाती क्यों बढ़ा रहा है? क्या इसे भारत के लिए खतरे की घंटी समझा जाए? बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के इस खामोश कदम के पीछे दो वजह है.

पहला कि POK में 21 जुलाई से चुनाव होने जा रहा है. पाकिस्तानी हुकूमत को डर है कि इस पूरे इलाके में चुनाव के दौरान राजनीतिक हिंसा उफान पर पहुंच सकती है.

दूसरी वजह, पाकिस्तानी हुक्मरानों को ये डर सता रहा है कि कहीं POK के इलाके में सरकारी बदइंतजामी से खफा लोग पाकिस्तान से आजादी की अपनी पुरानी मांग को नए सिरे से उठाना ना शुरू कर दें.

गौरतलब है कि POK के इलाकों में आजादी की मांग को कुचलने के लिए पाकिस्तानी फौज बदनाम रही है. पाकिस्तान से आजादी मांगने वाले कई गुट वहां सक्रिय हैं और उनके हर आंदोलन को पाकिस्तान पूरी सख्ती और बेरहमी से कुचलता रहा है.

कहा यह भी जा रहा है कि POK में और फौजी भेजने का पाकिस्तानी फैसला सिर्फ दिखावा है. असली कारण दरअसल भारत में घुसपैठ के लिए बेचैन आतंकवादियों का हौसला बढ़ाना, मदद करना और उसका बचाव करना है.

कश्मीर में अशांति का पाकिस्तान हर मुमकिन फायदा उठाने की फिराक में है. साफ है POK में फौज की तादाद बढ़ाना पाकिस्तान का दोहरा चेहरा भी दिखाता है, एक ओर वो कश्मीर के आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को संरक्षण दे रहा है दूसरी ओर वो अपने हिस्से के कश्मीर में उठने वाली हर आवाज को दबा रहा है.

पाकिस्तान की ओर से खुलकर कश्मीर में लगी आग को हवा दी जा रही है. पाकिस्तान के न्यूज चैनलों में इस वक्त भारत के अलगाववादियों को हीरो की तरह पेश किया जा रहा है. आतंकवादी बुरहान वानी को शहीद बताने वाले शरीफ अब 19 जुलाई को पाकिस्तान में ब्लैक डे मनाने का ऐलान कर रहे हैं.

इतना ही नहीं शरीफ ने कट्टरपंथियों और आतंकवादी गुटों के दबाव में आकर कश्मीर में मौत पर भारत की शिकायत हेग में अंतरराष्ट्रीय अदालत में करने का भी मन बनाया है.

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