पहले ही दिन लड़खड़ाए राज बब्‍बर-शीला दीक्षित, टूटा मंच

Update: 2016-07-17 12:09 GMT
लखनऊ.कांग्रेस के ग्रैंड शो के लिए यूपी कांग्रेस चीफ राज बब्बर, सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित रविवार को यहां पहुंचे। पार्टी वर्कर्स ने अमौसी एयरपोर्ट पर उनका वेलकम किया। हालांकि, कैम्पेन की शुरुआत अच्छी नहीं रही। रोड शो के दौरान जिस ट्रक पर सभी नेता सवार थे, उस पर बना मंच टूट गया। कार के ऊपर खड़े राज बब्‍बर भी कर्इ बार लड़खड़ाए। उन्‍हें बाउंसर्स ने संभाला।एयरपोर्ट से हेडऑफिस तक दिखा वर्कर्स का जोश...



- अमौसी एयरपोर्ट से लेकर प्रदेश कांग्रेस ऑफिस तक कांग्रेस वर्कर्स ने इन नेताओं का स्वागत किया।

- नेताओं का काफिला एयरपोर्ट तिराहा-कृष्णानगर-अवध चौराहा-पकरी का पुल-मजार चौराहा-कैलाश पुरी मोड़-मेजर यदुनाथ चौराहा-लोको पुलिस चौकी चौराहे से छत्ते वाले पुल के नीचे से निकला।

- फिर केकेसी काॅलेज-पीसीएफ बिल्डिंग-छितवापुर चौकी-राणा प्रताप चौराहा (हुसैनगंज चौराहा)-बर्लिंग्टन चौराहा-रायल होटल चौराहे से विधानसभा के सामने से होते हुए कैपिटल तिराहा-हजरतगंज चौराहे पर पहुंंचा।



यूपी में शीला को क्यों लाई है कांग्रेस?


- यूपी कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर 403 वि‍धानसभा सीटों में से पार्टी को कम से कम 100 सीटें दिलाना चाहते हैं।
- ऐसे में, सपा-बसपा और बीजेपी पर दबाव बनाने के लि‍ए शीला का नाम कांग्रेस को सबसे असरदार लगा।
- दिलचस्प ये है कि यूपी में करीब 40% यूथ वोटर होने के बाद भी कांग्रेस ने यहां 60 साल के ऊपर के नेताओं पर दांव खेला है।
- 78 की शीला सीएम कैंडिडेट हैं तो 64 के राज बब्बर यूपी चीफ। 64 के ही संजय सिंह चुनाव प्रचार समिति के हेड बनाए गए हैं।
- इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, 2012 विधानसभा चुनाव तक यूपी में टोटल 12.5 करोड़ वोटर थे। इनमें 36% यानी 4.5 करोड़ वोटर्स 18 से 39 साल के थे।
- 2015 में यूथ वोटर्स का पर्सेंटेज बढ़कर 40% से ज्यादा हो गया है।


शीला का यूपी से पुराना नाता

- शीला दीक्षित की ससुराल यूपी के उन्‍नाव जि‍ले में है। वे 1984 से लेकर 1989 तक यूपी की कन्‍नौज सीट से सांसद और केंद्र में मंत्री रही हैं।
- पार्टी का चेहरा बनने से पार्टी ब्राह्मण वोटों को अपनी तरफ कर सकती है।
- 1998 में कांग्रेस ने उन्हें पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। चुनाव हारने के बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस की बागडोर सौंप दी गई।
- 1998 के विधानसभा चुनाव से शीला दीक्षित ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया, वह 2008 तक जारी रहा।
- 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) से कांग्रेस हार गई। चुनाव हारने के बाद पार्टी ने उन्‍हें केरल का गवर्नर बना दि‍या था।
- 2014 में बीजेपी की सरकार केंंद्र में बनने के बाद शीला ने गवर्नर की पोस्ट से इस्‍तीफा दे दि‍या था।


...लेकिन बीजेपी नहीं चाहती 75+ नेता

- माेदी सरकार के मंत्रिमंडल में हालिया फेरबदल में 19 नए मंत्री शामिल किए गए। इनमें से कोई भी 75 से ज्यादा उम्र का नहीं है।
- 76 साल की नजमा हेपतुल्ला भी इस्तीफा दे चुकी हैं। 75 साल के कलराज मिश्र को यूपी चुनाव के मद्देनजर ही कैबिनेट में कायम रखा गया है।
- इससे पहले, मई 2014 में जब सरकार बनी थी, तब भी मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा जैसे नेताओं को उम्र के चलते कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया था।
- वहीं, एमपी में शिवराज सिंह चौहान ने जब अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो 75 पार के नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह के इस्तीफे ले लिए गए।

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