उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाली शिक्षामित्रों को लेकर कोर्ट ने सरकार को उनके मानदेय बढ़ाने को लेकर एक महीने में फैसला लेने का निर्देश दिया है.

Update: 2025-03-19 07:02 GMT

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षामित्रों को लेकर बड़ी खबर हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने सरकार को मानदेय बढ़ाने फैसला लेने के निर्देश दिए हैं. इसके सरकार को एक महीने का समय दिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को एक मई तक आदेश के अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं.

सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सलिल कुमार राय की कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने रजिस्ट्रार अनुपालन के आदेश को 24 घंटे के भीतर प्रमुख शिक्षा सचिव को भेजने का निर्देश दिया है. ये याचिका साल 2023 में वाराणसी के विवेकानंद व अन्य की ओर से दायर की गई थी. इस याचिका में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान मानदेय दिए जाने की अपील की थी. कोर्ट ने शिक्षामित्रों को दिए जाने वाले मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक वेतन निर्धारित करे का निर्देश दिए थे लेकिन, सरकार की ओर से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया.

सरकार की ओर से दी गई ये दलील

सरकार द्वारा कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर ये अवमानना याचिका दाखिल की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये आदेश दिए हैं. अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर अभी संबंधित विभाग में परामर्श किया जा रहा है.

कोर्ट ने सरकार से एक महीने के अंदर शिक्षामित्रों के वेतन को लेकर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग यूपी के प्रमुख सचिव को अगली तिथि एक मई को आदेश का अनुपालन करने का हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई एक मई को होगी.  

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