देहरादून:
उत्तराखंड के चमोली में माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह ऐसा बर्फीला तूफान आया कि सड़क निर्माण कार्य में जुटे 55 मजदूर इसकी चपेट में आए गए. बर्फ के नीचे दब मजदूरों में से अब तक 47 को बाहर निकाला जा चुका है. जबकि फंसे 8 मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है. वहीं, सूत्रों के अनुसार शनिवार सुबह 14 अन्य लोगों को भी बचाया गया है, जिनमें एक की हालत गंभीर है. इलाके में राहत-बचाव कार्य लगातार जारी है. लापता मजदूरों की तलाश के लिए शनिवार सुबह 7.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है . दरअसल शुक्रवार शाम 6 बजे अंधेरा होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था. चमोली जिला आपदा प्रबंधन के मुताबिक,अब तक 47 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया गया है. 8 अब भी लापता हैं.
वहीं शुक्रवार रात को बर्फ के नीचे से निकाले गए मजदूरों को माणा गांव के पास सेना के कैंप ले जाया गया था. 3 की हालत गंभीर है, उनको इलाज के लिए आर्मी चिकित्सालय ज्योर्तिमठ में भर्ती कराया गया है. सेना और ITBP के जवान बर्फ में दबे बाकी मजदूरों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं. उत्तराखंड सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. वहीं पीएम मोदी ने भी हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
बता दें कि शुक्रवार को भारी बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी रुकावट देखी गई. मज़दूरों को बर्फ से बाहर निकालने के लिए जोशीमठ से हवाई मार्ग के जरिये SDRF की टीमें भेजी गईं. घटना स्थल से 30 किलोमीटर सड़क पर बर्फ जमी होने की वजह से वहां पहुंचने में रेस्क्यू टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने इस बात को माना कि बचाव काम चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि हिमस्खलन स्थल के पास करीब सात फुट तक बर्फ जमी हुई है. हालांकि, उन्होंने बताया कि बचाव अभियान में 65 से अधिक कर्मचारी लगे हुए हैं.