ईडी ने इकबाल मिर्ची की दुबई में 203.27 करोड़ रुपये की संपत्ति को किया जब्त

Update: 2020-09-22 13:57 GMT

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दुबई में इकबाल मिर्ची की 15 संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इन संपत्तियों में मिडवेस्ट होटल अपार्टमेंट और 14 अन्य वाणिज्यिक और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 203.27 करोड़ रुपये बताई जा रही है। बता दें कि यह संपत्ति इकबाल मिर्ची और उसके परिवार के सदस्यों से संबंधित है। बता दें कि धन शोधन कानून के तहत इन संपत्तियों को जब्त किया गया है।  


ईडी ने दिसंबर 2019 में इकबाल मिर्ची, उसकी पत्नी और बेटों समेत 16 आरोपियों के खिलाफ मुंबई की अदालत में मनी लॉड्रिंग के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। 12000 पन्नों की चार्जशीट के मुताबिक इकबाल मिर्ची ने मुंबई के वर्ली इलाके में 225 करोड़ की तीन संपत्ति खरीदी थी, ये सारी संपत्ति इकबाल मिर्ची ने 1986 में अवैध तरीके से कमाई गये पैसों से खरीदी थी। इसके बाद मिर्ची के खिलाफ काफी सारे केस दर्ज हुए और वो देश छोड़ कर भाग गया था।

इस मामले में ईडी ने पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी कपिल वधावन और धीरज वधावन समेत हुमायूं मर्चेंट सहित कुल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही ईडी ने इस बारे में 9 दिसंबर 2019 को एक आरोप पत्र मनी लॉन्ड्रिंग की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया था। इसी साल जून के महीने में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची की पत्नी हजरा मेमन और उसके दोनों बेटे आसिफ इकबाल मेमन और जुनैद इकबाल मेमन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। 

बता दें कि इकबाल मिर्ची की मौत तो लंदन में साल 2013 में ही हो चुकी है लेकिन उससे जुड़े मामले अब तक चल रहे हैं। दाऊद इब्राहिम के इशारे पर 1993 में जब मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुआ था, तब उसमें इकबाल मिर्ची का भी नाम सामने आया था। मुंबई धमाके के बाद इकबाल मिर्ची दुबई भाग गया था। 1994 में भारत के कहने पर इंटरपोल ने इकबाल मिर्ची के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। हालांकि इकबाल मिर्ची एजेंसियों की गिरफ्त में आने से बचता रहा और फिर लंदन में उसकी मौत हो गई।

 

मरने से पहले दुबई से लेकर लंदन में रहने के दौरान इकबाल मिर्ची अंडरवर्ल्ड की धौंस दिखाते हुए मुंबई में संपत्तियों की सौदेबाजी में सक्रिय भूमिका निभाता रहा। मुंबई में उसके गैंग के लोग इसमें उसकी मदद करते रहे। इसी सौदेबाजी से जुड़े मामले अब रडार पर हैं।

 

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