बंगाल: चुनाव बाद हिंसा से एक लाख लोगों का पलायन, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

Update: 2021-05-21 12:01 GMT

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी हिंसा का दौर जारी है। दावा किया जा रहा है कि लगातार हो रही हिंसा के चलते राज्य में लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। इसमें दावा किया गया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद होने वाली हिंसा के कारण लोगों का सामूहिक पलायन और आंतरिक विस्थापन हुआ है। याचिका में यह भी कहा गया कि पुलिस और 'राज्य प्रायोजित गुंडे' आपस में मिले हुए हैं। यहीं वजह है कि पुलिस मामलों की जांच नहीं कर रही और उन लोगों को सुरक्षा देने में विफल रही, जो जान का खतरा महसूस कर रहे हैं। 

याचिका में उठाया गया यह मुद्दा

जानकारी के मुताबिक, याचिका में कहा गया कि हिंसा के भय से लोग विस्थापित हो रहे हैं या पलायन करने को मजबूर हैं। वे पश्चिम बंगाल के भीतर और बाहर आश्रय गृहों या शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं। याचिका में एक लाख से अधिक लोगों के विस्थापन का दावा किया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि राज्य प्रायोजित हिंसा के कारण पश्चिम बंगाल में लोगों का पलायन एक गंभीर मानवीय मुद्दा है। यह लोगों के अस्तित्व का मामला है। इन लोगों को दयनीय परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत नागरिकों को मिले मौलिक अधिकार का साफतौर पर उल्लंघन है। वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने शुक्रवार (21 मई) को जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस बीआर गवई की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। 

केंद्र सरकार से की यह मांग

याचिका में कहा गया कि कि केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद-355 के तहत अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए राज्य को आंतरिक अशांति से बचाना चाहिए। राज्य में राजनीतिक हिंसा, टारगेटेड हत्या और बलात्कार आदि की घटनाओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की मांग की गई है। साथ ही, मांग की गई कि विस्थापित व्यक्तियों के लिए शिविर, भोजन, दवाओं आदि की तत्काल व्यवस्था की जाए। 

अगले हफ्ते होगी सुनवाई

इसके अलावा केंद्र सरकार को पलायन के पैमाने और कारणों का आकलन करने के लिए एक जांच आयोग गठित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते इस याचिका पर सुनवाई करेगा।

Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share

Similar News