सँझिया के बेरवा कि भोली रे चिरईयाँ- अमरेन्द्र कुमार सिंह
BY Suryakant Pathak17 Jun 2017 9:19 AM GMT

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Suryakant Pathak17 Jun 2017 9:19 AM GMT
सँझिया के बेरवा कि भोली रे चिरईयाँ-
कईली खोंतवा के ओरिया पयान-1
गईया रँभा ये भईसियाँ पेन्हाये-
कि बछवा बन्हईले बथान-2
दियावा बरईले अगिया जोरईले-
कि थाकी हारी अईले किसान-3
अँगना में अईया गावे सवईया-
कि मईया जी सानस पिसान-4
बुतूरू भी लेके पटिया पतारवा-
कि बाबा भीरी बईठस दलान-5
ई हे रहे पहिले के
चलिया चलनिया-
कि ना रहे कोई परेशान-6
लोग पढ़ी लिखी गईलें
पीरीतिया बँटईलें-
कि हो गईले चोर बेईमान-7
सँझिया खा होखे रोज होखे कीर्तन भजनिया-
कि रामजी के होखे गुन गान-8
बहल कवन हऊवा
आईल बदलऊआ-
कि बदलल मिजवजवा ईमान-9
आईं ए बाबा आईं ए काका-
अबहूँ से दीहीं जा ध्यान-10
नवका के लिहीं पुराना ना भुलीं-
कि एही में हऊवे कल्यान-11
रतिया कुशल से बिताईं सँघतिया-
चली जाईब होतहीं बिहान-12
अमरेन्द्र कुमार सिंह
आरा,बिहार।
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