Janta Ki Awaz
भोजपुरी कहानिया

"मन के बात"

मन के बात
X
नेता जी से केहु पूछ दिहल उनका मन के बात।
कहले जीवन भर कुर्सी और नोटन के बरसात।।
सरकारी कर्मचारी से जब पूछाईल मन के बात।
चौगुना बढे सैलरी, साइड में घुस के सौगात।।
वकील साहब भी बतवले अपना मन के बात।
खेती बारी के लफड़ा झगड़ा होत रहे दिन रात।।
बुखार, खोखी- दामा ना भागे, टूटे केहु के दांत।
डॉक्टर बाबू कहले इहे बा हमरा मन के बात।।
अंतिम सांस ले लड़ी, दी देश के दुश्मन के मात।
देश के सैनिक के रहे बस अतने मन के बात।।
खूब मिले वाहवाही औरी रहे भोजपुरी लिखात।
"राजू" कवि बतवले इहे बा उनका मन के बात।।

धनंजय तिवारी
Next Story
Share it