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भारत मां के माथे पर जो बिंदी है, अपनी प्यारी प्रेमपूर्ण भाषा वह बस हिंदी है :आदर्श राय
BY Anonymous6 Feb 2018 6:42 AM GMT

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Anonymous6 Feb 2018 6:42 AM GMT
भारत मां के माथे पर जो बिंदी है
अपनी प्यारी प्रेमपूर्ण भाषा वह बस हिंदी है
कल ही आकर कुछ लोगों ने मुझको मानो टटोला
पास आकर इतराए और अंग्रेज़ी में कुछ बोला
क्यों लिबास इक झूठा सा हम अपने ऊपर ओढ़ें
क्यों शृंगार करें उसका,क्यों उसको खुद से जोड़ें
मैं ये हरगिज़ नहीं कहूंगा अंग्रेज़ी न आए
पर क्यों झूठी तारीफों के लिए इसे हम गाएं
अपनी मिट्टी,अपना देश भाषा भी अपनी ही बोलो
झूठ फरेब दिखावे कर,इसको कमतर तुम न तोलो
तुलसी सूर कबीर निराला और कहीं न पाओगे
क्या कोई कवि सम्मेलन अंग्रेज़ी का भी दिखाओगे
हिंदी ने तो सदा सभी को ही सीने से लगाया है
फिर क्या ऐसा है उसमें जो तुमने उसे भगाया है
ये इतनी कमज़ोर नहीं है रक्षक इसके जीवित हैं
कबिरा सूर निराला के वंशज भी अबतक जीवित हैं
#हरहरमहादेव
:आदर्श राय
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