आतंकी ने किया खुलासा- कश्मीर में अशांति के पीछे लश्कर-पाकिस्तान सेना
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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कहा कि हिजबुल आंतवादी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में बडे़ पैमाने पर हो रही हिंसा के पीछे आतंवादी संगठन लश्कर-ऐ-तैयबा और पाकिस्तान आर्मी है। बीते 25 जुलाई को सुरक्षा अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किए गए लश्कर आतंकवादी बहादुर अली द्वारा किए गए कई खुलासों के आधार पर एनआईए ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में ये जानकारी दी। इसके साथ ही बहादुर अली के जुर्म कबुल करने का एक वीडियो भी जारी किया।
एनआईए के आईजी ने कहा कि पाकिस्तान सेना की मदद से लश्कर, कश्मीर घाटी में अशांति फैलाए हुए है। अली ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्से में लश्कर के 30 से 50 ट्रेनी रहते थे। उनके भारत आने से पहले पाकिस्तान सेना के अधिकारी उनसे मिलने आते हैं और उन्हें मेजर साहब और कैप्टन साहब के नाम से पुकारते हैं।
जमात उल दावा ने 2008-09 में बहादुर अली को भर्ती किया था। यह हाफिज सईद का संगठन है। उसे शुरुआत में अपने गांव से जिहाद फंड जुटाने का टास्क दिया गया था। इसके बाद मौलाना अब्दुल रहीम ने उसे विडियो दिखाकर भड़काया और लश्कर में शामिल किया।
11-12 जून को पहुंचा था भारत
एनआईए ने बताया कि 11-12 जून को बहादुर अली अपने दो साथियों साद और दर्दा के साथ भारतीय सीमा में दाखिल हुआ था। इस दौरान बहादुर पाकिस्तानी सेना के अधिकारी हैदर के संपर्क में था। भारतीय सीमा में खुसने के बाद वह अपने दोनों साथियों से अलग हो गया। बहादुर के बाद जापान के वायरलेस सेट का मॉडिफाइ वर्जन था। यह वही कर सकता है, जिसकी इलेक्ट्रॉनिक्स में हाई लेवल की ट्रेनिंग हो।
भारत में घुसने के बाद बहादुर एक गांव में रुका और तीन-चार दिन वहीं रहा। इस दौरान वह अल्फा थ्री से लगातार संपर्क में था। बहादुर ने जब अपने आकाओं से अपने साथियों के बारे में पूछा, तो उसे बताया गया कि उन्हें दूसरे टास्क पर भेज दिया गया, वह उनकी चिंता ने करे। इसके बाद वह हंदवाड़ा में एक महीने तक रहा।