जम्मू कश्मीर पहुंचे पीएम मोदी, जवानों संग LoC के पास, मनाएंगे दिवाली
आज देश में दिवाली की धूम है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के अवसर पर जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में तैनात जवानों के बीच पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवानों के साथ दिवाली मनाएंगे। राज्य के साथ ही देश के लिए यह पल कई मायनों में बेहद खास होने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी जवानों से मिलकर उन्हें दीपावली की बधाई देने के साथ ही उनके साथ समय भी बिताएंगे। यह पहला अवसर नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश के जवानों के साथ दिवाली व अन्य कोई त्योहार मनाया हो।
इससे पहले साल 2018 में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के पास बर्फीली घाटी में सेना और आईटीबीपी जवानों के साथ त्योहार मनाया था। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने जवानों के साथ सियाचिन में दिवाली मनाई थी।
2015 में उन्होंने दिवाली के मौके पर पंजाब सीमा का दौरा किया था। संयोग से उनका दौरा 1965 के भारत-पाक युद्ध के 50 साल होने पर हुआ था। अगले साल मोदी हिमाचल प्रदेश गए थे, जहां उन्होंने अग्रिम चौकी पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के साथ समय गुजारा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में जम्मू-कश्मीर के गुरेज में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी। इस बार वह राजोरी जिले के बालाकोट सेक्टर में तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाएंगे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए चुनौती भरे ये दो दिन
वहीं पुलिस के लिए जम्मू शहर में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर दो से तीन दिन के लिए कड़ी चुनौती रहेगी। दिवाली, भइया दूज और विश्वकर्मा दिवस को लेकर बाजारों में खासी रौनक रहेगी। अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर के सभी प्रमुख स्थलों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में सुरक्षा बलों को पाली-वार 24 घंटे लगातार गश्त के आदेश दिए गए हैं।
पुलिस के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। पूरे तंत्र को अलर्ट पर रखा गया है। बस स्टैंड, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, रघुनाथ मंदिर, रणवीरेश्वर मंदिर सहित प्रमुख बाजारों में 24 घंटे गश्त करने के लिए कहा गया है। बाजारों में सादी वर्दी में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल हथियारों के साथ तैनात हैं।
डीआईजी विवेक गुप्ता का कहना है कि फेस्टिवल सीजन शुरू हो चुका है। अगले चार दिन तक सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का तंत्र पूरी तरह से सक्रिय है। सबकी तरफ से अपने स्तर पर जरूरी बंदोबस्त किए गए हैं।