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नवाब मलिक बोले- कोई पार्टी अछूती नहीं, शिवसेना के साथ जाने पर जताई सहमति

नवाब मलिक बोले- कोई पार्टी अछूती नहीं, शिवसेना के साथ जाने पर जताई सहमति
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महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जारी खींचतान के बीच एनसीपी की ओर से बड़ा बयान आया है. एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए कोई अछूता नहीं है. मलिक ने कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना सरकार नहीं बनाती हैं तो एनसीपी सरकार बनाने का तरीका ढूंढेगी.

उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्यपाल शासन और बाकी विकल्पों की बात कर रही है, लेकिन चुनाव इसके लिए नहीं हुए थे. एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि कुछ भी संभव है. शिवसेना पर नरम रुख अपनाते हुए मलिक ने कहा कि शिवसेना ने काफी समय से अन्याय देखा है और लोगों ने भी ऐसा देखा है.

शिवसेना शिवाजी की विचारधारा को मानती है: मलिक

मलिक ने कहा कि शिवसेना शिवाजी की विचारधारा को मानती है और शिवाजी ने कभी भी हिंदू और मुस्लिमों के बीच भेदभाव नहीं किया तो ऐसे में अलग विचारधारा का सवाल ही नहीं है. मलिक ने ये भी साफ किया कि एनसीपी बीजेपी का कभी समर्थन नहीं करेगी. हम विपक्ष में भी बैठने को तैयार हैं.

समर्थन पर कांग्रेस चुप

वहीं, दिल्ली में आज कांग्रेस नेता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर शिवसेना का समर्थन करने के मुद्दे पर सोनिया की राय लेंगे, क्योंकि एनसीपी नेता शरद पवार के साथ शिवसेना नेता संजय राउत की मुलाकात और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक के बयान के बाद महाराष्ट्र में अटकलों का बाजार गर्म है.

संजय राउत का बयान

इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि लिखकर ले लीजिए, मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. इसके अलावा उन्होंने ट्वीट के जरिए भी बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा. संजय राउत का ये बयान तब आया है जब गुरुवार को उन्होंने NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी.

संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा, 'साहेब! मत पालिए, अहंकार को इतना, वक्त के सागर में कई सिकंदर डूब गए.' हालांकि, इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया गया है लेकिन शिवसेना नेता का इशारा साफ है कि निशाने पर भारतीय जनता पार्टी है.

बता दें कि गुरुवार को शरद पवार से शिवसेना नेता संजय राउत की मुलाकात की बता सामने आई थी. हालांकि, एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि मैं शरद पवार के साथ संजय राउत की मुलाकात के बारे में नहीं जानता. काफी पहले से उनके पुराने रिश्ते रहे हैं. उन्होंने कहा, शिवसेना के प्रस्ताव पर सोचने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है.

बहुमत के लिए 145 सीट चाहिए

बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 56 और एनसीपी 54 विधायक हैं. यानी कुल 110 विधायक ही हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 सीट चाहिए जो बहुमत के मैजिक नंबर से 35 कम है. ऐसे में उन्हें कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी. कांग्रेस ने फिलहाल इस पर कोई रुख स्पष्ट नहीं किया है.

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