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महाराष्ट्र में हुए पॉलिटिकल गेम का आखिर कौन है मास्टर माइंड?

महाराष्ट्र में हुए पॉलिटिकल गेम का आखिर कौन है मास्टर माइंड?
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नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुई राजनीतिक उठा-पटक के पीछे आखिर मास्टर माइंड कौन है ये सवाल सभी के दिमाग में कौंध रहा है. लेकिन जिस तरह से यह पॉलिटिकल गेम खेला गया उससे यह साफ होता है कि पूरे घटनाक्रम के पीछे कहीं न कहीं केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के अध्यक्ष अमित (Amit Shah) शाह का हाथ है. अमित शाह की अजित पवार (Ajit shah) के साथ शुक्रवार रात कुछ बात जरूर हुई है. क्योंकि जब शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) की मीटिंग चल रही थी उस दरमियान कुछ वक्त के लिए अजित पवार बिना किसी को बताए बाहर गए थे. बताया जा रहा है कि इस संबंध में शरद पवार (Sharad Pawar) को भी उस समय कोई जानकारी नहीं थी. वे दिल्ली में किस से मिले इसकी जानकारी भी नहीं है.

नहीं मिला रहे थे आंखें

यह भी दावा किया जा रहा है कि रात में अजित आंखें मिला कर बात नहीं कर रहे थे और उसके बाद सुबह-सुबह जिस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं उससे यह कहा जा सकता है कि उनकी अमित शाह से बातचीत हुई हो. इस तरह से ऐसा प्रतीत होता है कि यह जो कुछ भी हुआ है वह अमित शाह की ही रणनीति है.

क्या शरद पवार को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी

हालांकि शरद पवार ने यह स्पष्ट किया है कि अजित पवार का यह व्यक्तिगत निर्णय है. लेकिन यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी मुलाकात हुई थी. उस मुलाकात में क्या बातचीत हुई यह भी पता नहीं है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि शरद पवार का इससे पहले भी ऐसा ही इतिहास रहा है. पवार ने गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे को तोड़ा था. इसके पहले जब पहली बार वे मुख्यमंत्री बने थे उस दौर में भी शरद पवार पर आरोप लगे थे कि उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ दगाबाजी की थी. इस लिहाज से लोगों का यह मानना है कि यह जो कुछ भी हुआ है उस बारे में शरद पवार को पता रहा होगा.

शरद पवार के भविष्य की रणनीति

देखा जाए तो शरद पवार शुरुआत से ही किसी बड़े गेम में लगे हुए दिखाई दे रहे थे. यह जरूर है कि सोनिया गांधी जिन्होंने शरद पवार पर भरोसा किया था उस भरोसे पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं. बदली हुई राजनीतिक हालात में शरद पवार के राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. अगर इसमें पार्टी टूट जाती है और जिस तरह से सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर कहा है कि पार्टी और परिवार में बिखराव हुआ है, इसे देखते हुए लगता है कि पवार को नुकसान हो सकता है. लेकिन अभी यह सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि उन्हें सीधा फायदा होगा या नुकसान.

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