नागरिकता संशोधन विधेयक बना कानून, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी
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नई दिल्ली, । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार शाम नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके साथ ही सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। लिहाजा अब इस विधेयक ने कानून का रूप ले लिया है। लोकसभा ने सोमवार को इस विधेयक को पारित किया था। जबकि संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा ने बुधवार को इसे पास किया था। मालूम हो कि इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
भारत की नागरिकता के लिए पात्र होने की समय सीमा 31 दिसंबर 2014 होगी। यानी कि इस तारीख के पहले या इस तारीख तक भारत में प्रवेश करने वाले नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे। नागरिकता पिछली तारीख से लागू होगी। कानून बनने से पहले नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में सोमवार को ही पारित हो गया था।
हंगामे के बीच राज्यसभा में हुआ था पारित
बता दें कि बुधवार को राज्यसभा में जबरदस्त सियासी गहमागहमी के बीच चर्चित नागरिकता संशोधन विधेयक 125 के मुकाबले 105 मतों से पारित हो गया। विधेयक पारित होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, समेत भाजपा और उसके सहयोगी दलों के विभिन्न सदस्यों ने गृह मंत्री अमित शाह को बधाई दी थी।
मालूम हो कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में लोकसभा में इस संशोधन विधेयक को पेश किया था और इसे पारित करा लिया था, लेकिन पूर्वोत्तर में जबर्दस्त विरोध होने की वजह से इसे राज्यसभा में पेश नहीं कर पाई थी। लोकसभा के भंग होने की वजह से विधेयक निष्प्रभावी हो गया था।
वहीं, बुधवार को राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने संयम, आक्रामकता और सियासी कौशल का जबरदस्त मेल करते हुए विपक्षी दलों के सभी सवालों का जवाब दिया था। विधेयक को मुस्लिम विरोधी बताने पर उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री के नाते वह सभी मुस्लिम भाई-बहनों से कह रहे हैं कि वे इस देश के सम्मानित नागरिक हैं और उनकी नागरिकता का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है।