नो तलाक.. इन माई बुर्का..
BY Suryakant Pathak22 Aug 2017 7:06 AM GMT

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Suryakant Pathak22 Aug 2017 7:06 AM GMT
उच्चतम न्यायालय का निर्णय मानवता के पक्ष में है। समाज के हित में ऐसे निर्णय डंके की चोट पर न सही...हथौड़े की चोट पर भी ठीक हैं।
हमारे एक...मित्र कह रहे थे..कि ..तहार भउजाई...बड़ा एथी हो गइल बाड़ी..आजुकाल..। मन करत बा कि एथी धरम कुबुलू कइके इनका के एथी देके...सुलताना से एथी क लिहीं। ई बात ऊ हमसे अपने घर में कह रहे थे..भउजाई चाय रखकर एथी लाने गई थी..बिस्कुट...!! लेकिन ऊधर से एथी लेकर आई...और मित्र के कपार पर तीन एथी..दिया।
मित्र के मूर्छा जब छूटल त कहलें...अरे कालीमाई..हम आज से तीन एथी के नाम ना लेबि।..
ओहि घरी.. सुलताना..गली से गुजरली..। मित्र के मन कइसन दू... हो गइल्...🙂
अभी..सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सुनकर...अगिला जनम हो...सुल्ताना...कह रहे थे...।😍
वेद प्रकाश मिश्रा
आसनसोल
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