वो है भाग्य-विधाता : अभय सिंह
BY Anonymous1 May 2020 7:44 AM GMT
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Anonymous1 May 2020 7:44 AM GMT
मेहनत और लगन ।
कार्य एवं कुशलता ।।
स्वयं के बदौलत से ।
परिवार का पेट भरता ।
'कर' को ना फैलता ।
ना ही सर को झुकता ।।
किस्मत खुद संवारता ।
वो है भाग्य-विधाता ।।
थका हारा रहता है।
वो बेचारा ।।
मग्न एवं कर्म में तल्लीन ।
आत्मसंतोष ना ही मन मलिन ।।
कंधों पर उठाये बोझ ।
अपने दम पर जीता रोज ।।
उसके मेहनत से होती हैं ।
बड़े-बड़े आटालिकयों की रचना ।।
उनका तो सिर्फ रह ।
जाता है अधूरे सपना ।।
राष्ट्र की उन्नति में देते योगदान ।
जीवन में कर जाते हैं कार्य महान ।।
मजदूर दिवस का ले फैसला ।
मिलकर हमसब बढ़ायें हौसला ।।
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