पाकिस्तानी आर्मी के हिंदू जवान की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल
BY Suryakant Pathak29 May 2017 2:35 PM GMT

X
Suryakant Pathak29 May 2017 2:35 PM GMT
देश सेवा का जज़्बा भी कमाल का होता है। इंसान घर-बार सब कुछ इसके आगे भूल जाता है। देश के लिए वह अपनी जान तक न्यौछावर कर देता है। ऐसी ही एक पाकिस्तानी सेना के हिंदू सैनिक की कहानी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इसी महीने वह सीमा पर तैनात थे, जहां उनकी मौत हो गई। मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
27 साल के लांस नायक लाल चंद राबड़ी महीने भर पहले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से कुछ ही दूरी पर मंगला फ्रंट के पास ड्यूटी पर तैनात थे। वह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बादिन जिले के इस्माइल खान नौटखनी गांव के रहने वाले थे। उनके पिता गड़रिया और मां किसान हैं। वह उनकी पांचवीं संतान थे।
उनके बड़े भाई भेमन राबड़ी ने बताया कि लाल चंद इससे पहले वजीरिस्तान के आदिवासी इलाके में तैनात थे, जहां उन्होंने देश को नुकसान पहुंचाने वाले कट्टरपंथियों को सबक सिखाना चाहा। वजीरिस्तान में पोस्टिंग से लौटकर आने के बाद लाल चंद ने बताया था कि "हमारे देश के बच्चों और लोगों को नुकसान पहुंचाने वालों से मैं खून के एक-एक कतरे का बदला लूंगा।"
2009 में मैट्रिक परीक्षा में पास होने के बाद लाल चंद घर में बिना किसी को बताए ही सेना में भर्ती होने के लिए बादिन चले गए थे। देश की सेवा करते हुए उन्होंने अपने स्नातक की पढ़ाई की। वह अपने दोनों छोटे भाइयों को भी सेना में भर्ती होने के लिए प्रोत्साहित करते थे, जिसमें से एक अभी 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है। वहीं, दूसरा सातवीं कक्षा का छात्र है।
लाल चंद के एक पुराने बयान के मुताबिक "जिस देश में हम जी रही है, वह हमारे घर की तरह है और जो इस पर हमला करेगा उसे मेरी आखिरी सांस तक कठिन हालात का सामना करना पड़ेगा।"
"
भेमन ने आगे कहा कि "चाहे कोई भी हो, भाई लाल चंद के साथी हमेशा दुश्मनों से लोहा लेने के लिए अपने खून के आखिरी कतरे तक तैयार रहते हैं। वे राजपूत जो ठहरे। हमारी मां अपने सभी बेटों और पोतों को देश की सेवा और सुरक्षा के लिए उतार चुकी हैं और उन्हें इस बात का कोई दुख नहीं होगा कि सीमा पर देश की रक्षा करते हुए वे अपनी जान गंवा दें।"
Next Story