तीसरे चरण की वोटिंग कल, अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती
BY Suryakant Pathak18 Feb 2017 2:35 PM GMT
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Suryakant Pathak18 Feb 2017 2:35 PM GMT
तीसरे चरण के मतदान में सबसे ज्यादा परीक्षा इस बात की होगी कि पार्टी और चुनाव आयोग में लड़ाई जीतने के बाद क्या अखिलेश यादव अपने इलाके में वोटरों का दिल जीत पाए हैं या नहीं. समाजवादी पार्टी के जानकारों का मानना है कि इटावा मैनपुरी एटा के इलाके में कई सीट ऐसी है जिसपर भीतरघात की आशंका है. इस पूरे इलाके में यादवों की आबादी काफी है और अगर मुस्लिम मतदाता इस में जुड़ जाएं तो समाजवादी पार्टी के लिए आगे का रास्ता काफी आसान हो सकता है. लेकिन तीसरे चरण में पिछड़ना समाजवादी पार्टी को बहुत महंगा पड़ सकता है.
इसी चरण में फर्रुखाबाद में भी मतदान होना है जो आलू की पैदावार के लिए मशहूर है. इस बात पर भी सबकी निगाहें होंगी की नोटबंदी का असर चुनाव में क्या गुल खिलाता है.
यह कहा जा सकता है कि इस बार मुकाबला समाजवादी पार्टी बनाम समाजवादी पार्टी होगा. उसकी वजह यह है कि मुलायम सिंह-अखिलेश यादव का गढ़ इटावा, मैनपुरी, एटा कन्नौज और औरैया में भी चुनाव इसी दिन होना है. राजधानी लखनऊ में भी लोग रविवार को ही नेताओं की किस्मत का फैसला करेंगे.
जिन 12 जिलों में चुनाव होने हैं वह हैं सीतापुर, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, कानपुर देहात, औरैया, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, हरदोई और फर्रुखाबाद. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन इतना अच्छा रहा था उसे दोहरा पाना अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी.
रविवार को जिन 69 सीटों पर चुनाव होना है उनमें से 55 सीटें अकेले समाजवादी पार्टी ने जीत ली थीं. बीएसपी को 6 सीट मिली थी और बीजेपी को सिर्फ 5 सीटें मिल पाई थी. दो सीटें कांग्रेस को मिली थी जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता था. इस चुनाव में अखिलेश यादव के लिए ये बड़ी चुनौती होगी वो अपने पिछले आंकड़े तक पहुंच पाते हैं या नहीं, क्योंकि माना जा रहा है कि इन इलाकों में मुलायम सिंह यादव की अच्छी पकड़ है, लेकिन पिछले दिनों पार्टी में जो कुछ हुआ उससे चुनाव परिणाम पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है.
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