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उत्तर प्रदेश

चेतगंज की नक्कटैया अपने 130वें संस्करण में भी सामाजिक चेतना का संदेश लेकर आई

चेतगंज की नक्कटैया अपने 130वें संस्करण में भी सामाजिक चेतना का संदेश लेकर आई
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भारत की आजादी के दीवाने क्रांतिवीरों में देशभक्ति की चेतना जगाने का माध्यम बनी चेतगंज की नक्कटैया अपने 130वें संस्करण में भी सामाजिक चेतना का संदेश लेकर आई। बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ, राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन, चाइनीज उत्पादों के विरोध में तैयार की गई झांकियां सामाजिक संदेशों के प्रचार का आधार बनीं।
शामिल हुए 50 से अधिक लाग-विमान
नक्कटैया की शोभायात्रा में 50 से अधिक लाग विमान शामिल किए गए थे। इनमें सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित दो झांकियां थीं और दोनों ही आकर्षण का केंद्र रहीं। इलाहाबाद से आई चार चौकियों में से एक चौकी जो सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित थी उसका साउंड और लाइट इफेक्ट ऐसा वातावरण बना रहा था मानो पूरा माहौल सीमा जैसा हो गया। इलाहाबाद की तीन अन्य चौकियां लंका दहन, श्रीराम-सीता स्वयंवर एवं श्रीकृष्ण-राधा के महारास पर आधारित थीं।
साढ़े नौ बजे हुई मुख्य लीला
नक्कटैया की मुख्य लीला रात्रि नौ बजे चेतगंज में हुई। लक्ष्मण द्वारा सूपर्णखा की नाक काटने के उपरांत सूपर्णखा मलदहिया चौराहा के निकट बनाई गई लंका पहुंची। वहां से खर और दूषण के साथ पूरी सेना लेकर आक्रमण के लिए चली। रात्रि ठीक 12 बजे चेतगंज थाने के सामने जिलाधिकारी योगेश्वरराम मिश्र ने नक्कटैया का औपचारिक उद्घाटन किया। इसके उपरांत नक्कटैया में शामिल लाग विमान लहुराबीर, कबीरचौरा, चउरछटवा होते हुए चेतगंज मुख्यमार्ग पर आए, जहां से बेनियाबाग के लिए प्रस्थान हुआ। बेनियाबाग से यूटर्न लेकर लाग विमान पुन: चेतगंज पहुंचे जहां सीता हरण की लीला हुई। यह लीला करीब डेढ़ घंटे तक चली।
खटकती रही भव्य द्वार की कमी
इस मौके पर लहुराबीर चौराहे से लेकर चेतगंज चौराहे तक के इलाके को रंगबिरंगी झालरों से सजाया गया। चेतगंज की नक्कटैया में पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से निरंतर बनने वाले भोला द्वार की कमी मेले में आए लोगों को खटकती रही। इलाहाबाद के जर्दा व्यापारी द्वारा यह गेट लगवाया जाता था। बनारस के साथ ही मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर और मिर्जापुर में होने वाले विशेष मेलों में भी उनकी ओर से द्वार नहीं बनवाए गए।
राम रहीम की झांकी की होती रही प्रतीक्षा
चेतगंज की नक्कटैया में आए लोग राम रहीम की झांकी की प्रतीक्षा देर तक करते रहे। यह झांकी भी इलाहाबाद से ही आनी थी। लीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र निगम के अनुसार नक्कटैया में इलाहाबाद, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही और चंदौली से लाग विमान आते हैं। ये सभी लाग विमान अपने खर्च पर नक्कटैया में शामिल होते हैं। लीला कमेटी कोई भुगतान नहीं करती।
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