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उत्तर प्रदेश

छात्रा से छेड़खानी पर विश्वविद्यालय में हंगामा, समाजवादी छात्रसभा ने दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज करवाई

छात्रा से छेड़खानी पर विश्वविद्यालय में हंगामा, समाजवादी छात्रसभा ने दबाव बनाकर एफआईआर दर्ज करवाई
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रुहेलखंड विश्वविद्यालय में छात्रा से छेड़खानी को लेकर मंगलवार को जबर्दस्त हंगामा हुआ। आरोपी पर मुकदमा दर्ज नहीं होने से खफा समाजवादी छात्रसभा के छात्रनेताओं ने कुलसचिव की मेज तक पलटने की कोशिश की। मामले को तूल पकड़ता देख कुलसचिव ने आरोपी के खिलाफ तहरीर लिखकर बारादरी थाने भेज दी। वहीं चीफ वार्डन ने भी आरोपी के हास्टल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मालूम हो कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय की केंद्रीय लाइब्रेरी में पांच अक्तूबर को एक छात्रा के साथ उसके ही सहपाठी ने छेड़खानी की। छात्र को दबोचकर अश्लील हरकतें शुरू कर दी। बुरी तरह घबराई छात्रा चार दिनों तक हास्टल में कैद रही बाद में सहेलियों के कहने के बाद 9 अक्तूबर को आरोपी छात्र के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत की थी। कुलपति ने आनन फानन में आरोपी को सस्पेंड करते हुए विवि में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया और जांच के लिए डीएसडब्ल्यू प्रो. नीलीमा गुप्ता को अधिकृत कर दिया। मंगलवार को सछास जिलाध्यक्ष हृदेश यादव व विवि के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शिव प्रताप यादव की अगुआई में 100 से अधिक छात्र विवि आ धमके। कुलपति की गैरमौजूदगी में कुलसचिव अशोक कुमार अरविंद को घेर लिया। आरोप लगाया कि विवि प्रशासन आरोपी को बचाने की कोशिश में जुटा है। इसकी वजह से एफआईआर नहीं कराई गई। शिव प्रताप यादव और हृदेश यादव की कुलसचिव से जमकर नोंकझोंक हुई। छात्रनेताओं ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद कुलपति विवि से बाहर चले गए। आरोप लगाया कि बीएचयू की घटना से भी विवि के अफसरों ने सबक नहीं लिया। विवाद बढ़ा तो कुलसचिव ने कार्यवाहक चीफ प्राक्टर को मुकदमा दर्ज कराने के लिए शिकायत फारवर्ड कर दी। हालांकि शाम को खुद कुलसचिव ने बारादरी कोतवाली में तहरीर भेज दी। छात्रनेताओं ने कुलसचिव से पूछा कि छात्राओं की सुरक्षा क्या विवि की प्राथमिकता में नहीं है। सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी क्यों नहीं लगाए गए।
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