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उत्तर प्रदेश

लखनऊ की पहली महिला मेयर पद के लिए बीजेपी में कांटे की टक्कर, दावेदारों की लंबी फेहरिस्त

लखनऊ की पहली महिला मेयर पद के लिए बीजेपी में कांटे की टक्कर, दावेदारों की लंबी फेहरिस्त
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लखनऊ नगर निगम की सीट महिला (अनारक्षित) घोषित होने के बाद सभी पार्टियों में महिला प्रत्याशी को लेकर मंथन तेज हो गई है. लेकिन सबसे ज्यादा हलचल बीजेपी में है. पार्टी बाहरी और भीतरी को को लेकर समीकरण बैठाए जा रहे हैं. दरअसल लोक सभा चुनावों और विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद अपने अच्छे दिन को देखते हुए तमाम पार्टी के लोग बीजेपी में शामिल हुए हैं. वहीं पार्टी के बुरे वक्त में साथ देने वाले कर्मठ कार्यकर्ता भी हैं. अब नगर निकाय चुनावों में बाहरी और भीतरी दोनों ही लोग अपनी-अपनी दावेदारी सामने रख रहे हैं. कमोबेश यही स्थिति सभी सीटों पर है. पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती लंबी फेहरिस्त में से जिताऊ उम्मीदवार को मैदान में उतारने की है.

राजधानी लखनऊ सीट की बात करें तो यहां भी दावेदारों की एक लंबी सूची है. पूर्व विधायक स्व. सतीश भाटिया की पत्नी संयुक्त भाटिया, पूर्व पार्षद रंजना द्विवेदी, राज्यसभा की पूर्व सदस्य कुसुम राय, डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा की पत्नी जया लक्ष्मी शर्मा, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक, डॉ नीरज बोरा की पत्नी बिंदु बोरा, सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई डॉ श्वेता सिंह के नामों की चर्चा जोरों पर है. इसके अलावा मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी का नाम भी दावेदारों की सूची में है.

कहा जा रहा है कि संयुक्त भाटिया आरएसएस की पसंद हैं तो रंजना अग्निहोत्री को विहिप का समर्थन होने की बात कही जा रही है. रंजना द्विवेदी और कुसुम राय पार्टी की पुरानी कार्यकर्ता हैं और नगर निगम में पार्षद रह चुकीं हैं.

यही स्थिति अन्य नगर निगम की सीटों पर है. बीजेपी के सामने दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है. जिनमें पुराने कार्यकर्ता और अन्य पार्टियों से आये नेताओं की दावेदारी भी है.

वहीं समाजवादी पार्टी में जूही सिंह के नाम को लेकर चर्चा है. कांग्रेस और बसपा में भी उम्मीदवार को लेकर कवायद तेज हो चुकी है.

बता दें इस बार 16 नगर निगमों में से 6 सीटें महिला महापौर के लिए अरक्षित हैं. इनमें पीएम मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सीयोगी की गृह सीट गोरखपुर भी शामिल है.

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