सपा नेताओं ने ही लगाए पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप
बाँदा : निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर बगावत शुरू हो गई है। इस दौरान बांदा जिले के कुछ सपा नेताओंं ने पार्टी के कुछ बड़े नेताओंं पर विधान सभा चुनाव में पार्टी को हराने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं कुछ सपाइयों ने जिलाध्यक्ष का पुतला भी फूंका। बांदा। निकाय प्रत्याशियों की सबसे पहले घोषणा करने वाली समाजवादी पार्टी में टिकट को लेकर बगावत शुरू हो गई है। बांदा और अतर्रा में शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन हुए। बांदा व अतर्रा में नगर अध्यक्षों सहित कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद विशंभर निषाद और जिलाध्यक्ष आदि पर विधान सभा चुनाव में सपा को हराने के आरोप लगाए। उधर, अतर्रा में कुछ सपाइयों ने जिलाध्यक्ष का पुतला फूंका। दो दिन पूर्व सपा ने बांदा नगर पालिका के लिए मोहन साहू को प्रत्याशी घोषित किया है। इसे लेकर सपा के बांदा नगर अध्यक्ष मनोज निगम 'लाला' ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे पत्र में निकाय चुनाव प्रत्याशी बदलने की मांग की। साथ ही पत्र में लिखा कि वह सभी समर्पित होकर काम कर रहे हैं। आरोप लगाया कि राष्ट्रीय महासचिव, जिलाध्यक्ष और जिला उपाध्यक्ष ने विधान सभा चुनाव में सपा को हराने में विशेष भूमिका अदा की। इसी से क्षुब्ध होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं। पत्र में मनोज निगम सहित नगर उपाध्यक्ष मोहम्मद हनीफ उर्फ मन्नू, लोहिया वाहिनी नगर अध्यक्ष कमर खां, सुभान खां, मुकेश गहलोत, सत्यम निगम, मनोज सिंह, हरीशंकर, रामबाबू गुप्ता, शिवशरण यादव, सईद सलमानी, दादा वारसी, अनुज निगम, सुनील श्रीवास्तव आदि शामिल हैं। सपाइयों ने मनोज निगम के साथ कलक्ट्रेट के पास स्थित अशोक लाट में विरोध-प्रदर्शन भी किया। अतर्रा प्रतिनिधि के मुताबिक नगर अध्यक्ष संजय साहू की अध्यक्षता में नगर कार्यालय में हुई बैठक में आरोप लगाए गए कि अतर्रा नगर पालिका अध्यक्ष पद का टिकट जिलाध्यक्ष ने बेच दिया है। बैठक के बाद सपाइयों ने प्रदर्शन कर चौक बाजार में जिलाध्यक्ष का पुतला फूंका। प्रदेशाध्यक्ष को भेजे पत्र में नगर अध्यक्ष सहित प्रदेश कार्यकारिणी पूर्व सदस्य बृजभूषण यादव, पूर्व नगर अध्यक्ष विजय कुमार गुप्ता, सुनील कुमार गुप्ता, रामधनी रैकवार, भगवानदीन साहू, राजकरन यादव, शिवभवन यादव, लल्लू, पतंगी गुप्ता, प्रकाश गौतम, राजबहादुर, आकाश कुशवाहा, नीरज द्विवेदी, श्यामू चौरसिया, पप्पू गुप्ता, सुनील यादव, रामदीन कुशवाहा आदि ने सपा से इस्तीफा देने की घोषणा की। प्रदर्शन में भी यह सब शामिल रहे।
टिकट नहीं मिला तो कर रहे बगावत
सपा जिलाध्यक्ष शमीम बांदवी का कहना है कि बगावत वही कर रहे हैं जो खुद टिकट मांग रहे थे और हाईकमान ने उन्हें टिकट नहीं दिया। विरोध करने वालों पर अनुशासन की कार्रवाई की जाएगी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि बांदा और अतर्रा के नगर अध्यक्षों के नाम उन्होंने पैनल में भेजे थे। लेकिन हाईकमान (प्रभारी) ने किन्हीं कारणों से उनके दावों को बहुत मजबूत न मानते हुए जिताऊ आधार पर टिकटों का निर्णय किया है। शायर शमीम बांदवी ने कहा कि-'कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता'।
छह माह बाद याद आई विधान सभा चुनाव बगावत की
नगर अध्यक्ष मनोज निगम सहित कई अन्य पदाधिकारियों द्वारा सामूहिक हस्ताक्षरों से दिए गए इस्तीफे में लिखा है कि जिलाध्यक्ष (शमीम बांदवी), राष्ट्रीय महासचिव (सांसद विशंभर प्रसाद निषाद) और जिला उपाध्यक्ष (अशोक सिंह गौर) ने विधान सभा चुनाव में सपा को हराने में विशेष योगदान किया। इनकी कार्यशैली से क्षुब्ध होकर इस्तीफा दे रहे हैं। उधर, इस्तीफे की इस इबारत पर अध्यक्ष समर्थक सवाल उठा रहे हैं कि विधान सभा चुनाव हुए छह माह बीत गए। अब तक यह बात क्यों नहीं कही गई ? अब जब निकाय चुनाव में टिकट नहीं मिल सका तो विधान सभा चुनाव की क्यों याद आ रही है ? नगर अध्यक्ष के पत्र में राष्ट्रीय महासचिव और जिलाध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद लिखे गए हैं नाम नहीं हैं।