गुजरात चुनाव: 'पेज प्रमुख' रणनीति से इतिहास दोहराएंगे अमित शाह
BY Anonymous12 Nov 2017 9:50 AM GMT

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Anonymous12 Nov 2017 9:50 AM GMT
हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुजरात में डेरा डाल रखा है। यह चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी और उनके लिए नाक की लड़ाई बनी हुई है, इसलिए अमित शाह गुजरात में नई रणनीति के साथ वहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रणा कर रहे हैं। न्यूज 18 को बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष गुजरात विधान सभा चुनाव में हर बूथ पर हर मतदाता से संपर्क करना चाह रहे हैं। इसके लिए उन्होंने 'पेज प्रमुख' नियुक्त किया है। इसके तहत शाह अंतिम स्तर तक पार्टी का चुनाव प्रचार करना चाह रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक 6 महीने पहले ही अमित शाह ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी और इसका एलान किया था कि वो इस बार के चुनाव में एक नया पद सृजित करने जा रहे हैं। दरअसल, हरेक विधानसभा के तहत कई बूथ होते हैं। उन बूथों पर वोटरलिस्ट होता है। एक वोटरलिस्ट में कई पेज होते हैं। हर पेज में करीब 20 से 30 मतदाता होते हैं। बीजेपी अध्यक्ष ने इन्हीं मतदाताओं तक अपनी और पार्टी बात पहुंचाने के लिए उस पेज से किसी एक मतदाता को पेज प्रमुख बनाया है।
पेज प्रमुख की जिम्मेदारी उस पेज के तहत आने वाले सभी मतदाताओं से संपर्क बनाए रखने का है और उन तक पार्टी का संदेश पहुंचाना है। वोटिंग के दिन पेज प्रमुख इस बात को सुनिश्चित करेगा कि उसके पेज के तहत आने वाले मतदाता को वोट देने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। हालांकि, सूक्ष्म स्तर पर पार्टी द्वारा की गई अनूठी पहल है अगर ये कारगर रही तो बीजेपी की मुश्किलें कम हो सकती हैं और पिछले 22 सालों से चली आ रही सत्ता की बागडोर फिर से पांच साल के लिए बीजेपी के हाथों में हो सकती है।
बता दें कि गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीट हैं। इसके तहत राज्यभर में कुल 45,000 पोलिंग बूथ हैं। इनके अलावा पार्टी ने 'शक्ति केंद्र' भी बनाया है। इसकी जिम्मेदारी 5-6 बूथों पर कंट्रोल रखने और उन्हें मैनेज करने की है। पेज प्रमुखों को बूथ इंचार्ज के प्रति जवाबदेह बनाया गया है। बूथ इंचार्ज शक्ति केंद्रों के प्रति जवाबदेह होगा और शक्ति केंद्र उस विधान सभा के विधायक या इंचार्ज के प्रति जवाबदेह होगा जो अंतत: पार्टी अध्यक्ष को रिपोर्ट करेगा। इस तरह अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष से लेकर अंतिम मतदाता तक जोड़ने की नई कड़ी ईजाद की है।
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