बीजेपी ने 16 में से 10 मेयर सीटों पर व्यापारियों को दिए टिकट
BY Anonymous17 Nov 2017 8:38 AM GMT
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Anonymous17 Nov 2017 8:38 AM GMT
बीजेपी ने इस बार उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में बिजनेस कम्युनिटी से जुड़े लोगों को खास तवज्जो दी है. बता दें कि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद बीजेपी कथित तौर पर विरोध झेल रही है. बीजेपी ने यूपी के 16 नगर निगमों में से 10 सीटों पर ऐसे उम्मीदवारों को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है जो या तो व्यापारी हैं या फिर उससे जुड़े हुए हैं.
नवंबर के आखिरी हफ्ते में यहां तीन चरणों में शहरी निकाय चुनाव होने हैं. एक दिसम्बर को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे. इसके बाद दो चरणों में गुजरात विधानसभा चुनाव होंगे. 9 दिसम्बर को पहला चरण और 14 दिसम्बर को आखिरी चरण का मतदान होगा.
पार्टी यूपी निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर संदेश देना चाहती है कि व्यापारी वर्ग नाराज नहीं है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे को उछाले जाने के बाद पार्टी हाई कमान ने इसी रणनीति के तहत 10 व्यापारियों को मैदान में उतारा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बीजेपी ने पूर्व सांसद और विधायक रहे शंकर प्रसाद जयसवाल की पुत्रवधू मृदुला जयसवाल को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है. मृदुला के पति राधाकृष्ण जायसवाल (अंशुमाली) लुब्रीकेंट्स और इंडस्ट्रियल ऑयल के व्यवसाय से जुड़े हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से प्रत्याशी सीताराम जयसवाल गल्ला व्यवसायी हैं और शहर के ट्रेडर्स एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं. अलीगढ में पार्टी ने राजीव अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. हालांकि, वे व्यापर से नहीं जुड़े हैं लेकिन वे बनिया समुदाय से आते हैं. बीजेपी नेताओं का मानना है कि अग्रवाल समुदाय की शहर मेंअच्छी संख्या है और उनमें से ज्यादातर व्यापारी हैं.
मुरादाबाद से बीजेपी ने मौजूदा मेयर विनोद अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है. विनोद अग्रवाल शहर के बड़े पीतल व्यवसायी हैं. वहीं झांसी से बीजेपी ने राम तीरथ सिंघल को मैदान में उतारा है. सिंघल कपड़े और रेस्टोरेंट के बिज़नस से जुड़े हैं. इतना ही नहीं वे पार्टी के महानगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष भी हैं.
इसी तरह बीजेपी के सहारनपुर के प्रत्याशी संजीव वालिया रियल एस्टेट से जुड़े हैं और संगमरमर के पत्थरों के बड़े सप्लायर भी हैं. वे शहर के बड़े व्यवसायियों में से एक हैं.
आगरा में बीजेपी ने पार्टी के ट्रेजरार नवीन जैन को प्रत्याशी बनाया है. नवीन जैन एक कंस्ट्रक्शन फर्म के डायरेक्टर हैं.
इलाहाबाद में बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री और बिजनेसमैन नन्द गोपाल गुप्ता की पत्नी अभिलाषा गुप्ता को टिकट दिया है. अभिलाषा गुप्ता 2012 में निर्दलीय चुनाव जीतकर मेयर बनीं थीं. बाद में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर लिया था.
राजधानी लखनऊ में बीजेपी की मेयर पद की प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया भी व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. संयुक्ता के पुते प्रशांत आरएसएस के लघु उद्योग भारती से जुड़े हैं. मेरठ के प्रत्याशी कांता कर्दम भी बिज़नस फैमिली से हैं.
"शहरी क्षेत्र में व्यवसायी वर्ग का प्रभुत्व होता है. पार्टी के पास जितने भी आवेदन आएं हैं उसमें से योग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया हैं. इसमें जाति के आधार पर चयन नहीं है. हां पार्टी यह जरुर प्रयास करती है कि उम्मीदवार सर्वस्पर्शी हो, लेकिन किसी जाति को संतुष्ट करने के लिए इनका चयन नहीं किया गया है."
नोटबंदी और जीएसटी के असर पर त्रिपाठी ने कहा, "नोटबंदी बीजेपी के लिए एक सफलता है. नोटबंदी की वजह से ही बीजेपी को यूपी में ऐतिहासिक जीत मिली है. चुनाव में नोटबंदी अहम मुद्दा रहा है. जो मुद्दा हमारे लिए सकारात्मक मुद्दा रहा हो वह समस्या कैसे हो सकती है."
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