फर्जी प्रमाणपत्रों से 28 लोग बन गए मास्साब
BY Anonymous18 Nov 2017 1:09 AM GMT
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Anonymous18 Nov 2017 1:09 AM GMT
फर्रुखाबाद। आगरा के डा. भीम राव अंबेडकर विश्वविद्यालय से फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी पाए शिक्षिकों की जांच के दौरान परिणाम सामने आने लगे हैं। चिह्नित किए गए 28 शिक्षकों के नामों को एसआईटी को भेजा जाएगा।
शुक्रवार को भी बीएसए कार्यालय में संदिग्ध फर्जी शिक्षकों की चयन प्रक्रिया के दौरान जमा की गई फाइलों की खोज बीन चलती रही। 2004-05 में आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री से भर्ती हुए शिक्षकों का चिन्हाकंन कर एसआईटी की टीम ने सूची बनाकर बीएसए को भेजी थी। बीएसए अनिल कुमार ने जांच के दौरान जिले के सभी शिक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश लेखाधिकारी को दिए थे। बीएसए ने बताया कि जिला समन्वयक विशेष प्रशिक्षण
ऋचा यादव, नगर शिक्षाअधिकारी सोमवीर सिंह और एबीएसए शमशाबाद बेगीश गोयल की समिति बनाकर जांच करवाई जा रही है। एक पखवारे से चल रही जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। बीएसए अनिल कुमार ने बताया कि जांच के दौरान सूची से शिक्षकों की नियुक्ति पत्रावलियों का मिलान किया जा रहा है। अभी तक 28 शिक्षकों को
चिह्नांकित किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच अभी चल रही है। अभी कई और शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध होने की संभावना है। बीएसए ने बताया कि चिह्नांकित किए गए शिक्षकों के अलावा गैर जनपद से तबादले पर आए शिक्षकों का ब्यौरा एकत्र कर शेष शिक्षकों का वेतन जारी किया जाएगा।
जिले में 28 शिक्षकों के प्रमाण पत्र मिले फर्जी
2004-05 में आगरा विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाण पत्रों से पाई नौकरी
एसआईटी की टीम ने जांच कर भेजी थी संदिग्ध प्रमाण पत्र धारकों की सूची
बीएसए बोले एसआईटी को भेजी जाएगी फर्जी शिक्षकों की पूरी जानकारी
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