EOW करेगी चीनी मिल बिक्री व गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच
BY Anonymous20 Nov 2017 1:57 AM GMT

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Anonymous20 Nov 2017 1:57 AM GMT
बसपा सरकार के समय में फर्जी कंपनियां बनाकर खरीदी गई चीनी निगम की सात मिलों के खरीद-फरोख्त और सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट निर्माण में हुए घोटाले की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगी। दोनों घोटालों में प्रदेश सरकार के निर्देश पर लखनऊ के गोमतीनगर थाने में केस दर्ज किया गया है।
घोटाले की रकम 50 लाख से अधिक होने के कारण इसे ईओडब्ल्यू को सौंपने का फैसला किया गया है। दोनों मामलों के दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। इन्हें जल्द ही आर्थिक अपराध शाखा को सुपुर्द कर दिए जाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन काल में उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की सात चीनी मिलों को कौड़ियों के दाम खरीदने वाली कंपनियां जांच में फर्जी निकलीं। शासन को जांच रिपोर्ट मिलने के बाद निगम के प्रधान प्रबंधक एसके मेहरा ने गोमतीनगर थाना में फर्जी कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कराया।
सीओ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि केस से संबंधित सभी दस्तावेज जल्द ही ईओडब्ल्यू को सुपुर्द कर दिए जाएंगे।
वर्ष 2010-11 में यूपी राज्य निगम लिमिटेड की सात चीनी मिलें फर्जी कंपनियों को बेची गई थी।
रिवर फ्रंट मामला
इस मामले में योगी सरकार ने घोटाले की आशंका में आधा दर्जन से अधिक अफसरों पर केस दर्ज कराया है।
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