देश को लूटने वाली कांग्रेस की लुट गई खटिया : मनीष सिंह
देवरिया : समाजवादी यूवजन सभा के राष्ट्रिय महासचिव मनीष सिंह ने राहुल गांधी की किसान यात्र पर तंज कसा है। मनीष सिंह ने यात्र को इवेंट मैनेजमेंट बताते हुए कहा कि देश को लूटने वाली कांग्रेस की खटिया लुट गई। चुनावी अखाड़े में हांफती कांग्रेस पार्टी के युवराज की किसान यात्र के मुहूर्त को ही जनता ने न सिर्फ नकार दिया बल्कि ये भी सूचना मिली है कि जो लोग राहुल गांधी के कार्यक्रम में बुलाये गए, उन्हें फ्री में खटिया मिलेगी, यह कहकर बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि युवराज दिल्ली से बैंड बाजे के साथ निकले, लेकिन देवरिया की जनता ने उन्हें वापस कर दिया। मनीष सिंह ने कहा कि छह दशकों से अधिक समय तक देश को लूटने वाली कांग्रेस पार्टी को 2014 के लोकसभा के चुनाव में जनता ने सबक सिखा दिया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देवरिया के रुद्रपुर से यात्र निकालकर पूर्वी उप्र को साधने की भले पहल की है लेकिन यहां उनकी राह आसान नहीं है। 27 साल की जिस बेहाली का जिक्र कर राहुल वापसी का सपना देख रहे हैं उसी 27 साल में पूर्वाचल में कांग्रेस की जमीन दरकती गयी है। जिन मजबूत कंधों पर कांग्रेस का दारोमदार रहा वह भी नहीं रहे। उनकी पीढ़ियों ने दूसरे दलों में अपनी जगह बना ली है। हालत यह है कि जिन लोगों ने अपनी दमदारी से कांग्रेस के टिकट पर 2012 का चुनाव जीता वह भी पाला बदल लिए हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के खड्डा विधायक विजय दुबे, बस्ती के रुधौली विधायक संजय जायसवाल और बहराइच की नानपारा विधायक माधुरी वर्मा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतीं लेकिन अपने भविष्य को देखते हुए विधानसभा और राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा से हाथ मिला लिया। कांग्रेस ने इन तीनों विधायकों के निष्कासन की कार्रवाई जरूर की लेकिन इससे कांग्रेस के विरोध का संदेश गया। भाजपा ने इन नेताओं को पार्टी में शामिल करा दिया। कांग्रेस के अतीत पर गौर करें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय और पूर्व मंत्री राज मंगल पाण्डेय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में थे। अब ये नहीं रहे लेकिन इनके परिवार के लोग भाजपा में हैं। वीरबहादुर सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री फतेहबहादुर सिंह, कल्पनाथ राय की पुत्रवधू सीता राय और राजमंगल पाण्डेय के पुत्र सांसद राजेश पाण्डेय की गिनती भाजपा के प्रमुख नेताओं में होती है। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल लोकसभा चुनाव में ही भाजपा का दामन थाम लिए। महावीर प्रसाद के निधन के बाद इस पूरे अंचल में कोई दलित नेता उभर नहीं सका।
छोटे दलों से भी झटका : कांग्रेस ने जनता दल यूनाइटेड के जरिए छोटे दलों को साथ जोड़ने की पहल की थी लेकिन इन्हें झटका ही लगा है। पूर्वाचल में प्रभावी भूमिका निभाने वाले ज्यादातर छोटे दलों का झुकाव भाजपा और सपा की ओर है। इनके साथ ही गठबंधन की बातचीत चल रही है। भासपा और अपना दल का भाजपा से गठबंधन हो चुका है जबकि कौमी एकता दल से सपा की फिर नजदीकियां बढ़ी हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के लिए छोटे दलों का प्रयोग भी आसान नहीं है।