मीटिंग में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अफसरों को खूब धोया
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कानून व्यवस्था के मसले पर जिले के डीएम, पुलिस कप्तान व आईजी के साथ बैठक की। अपराध के मामले में जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें थीं वहां के अफसरों के पेंच कसे गए।
मीटिंग के बाद सीएम ने मीडिया को बताया, चुनाव होने जा रहा है, सरकार की तमाम योजनाएं पूरी होने जाने रही हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले पर कोई समझौता नहीं होगा।
अखिलेश ने अधिकारियों को कानून व्यवस्था को गंभीरता से लेने की सख्त हिदायत दी और साथ ही कहा कि लापरवाही मिलने पर अधिकारियो के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर और बलिया में पहले ही अफसरों पर कार्रवाई हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि त्योहारों का मौसम आ रहा है ऐसे में सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई है। अखिलेश ने कहा कि जनता का भरोसा जीतने के लिए कानून व्यवस्था पर लगातार नजर रखनी पड़ेगी।
मीटिंग में मुकदमा लिखने और पुलिस को जनता के प्रति व्यवहार को लेकर भी हिदायत दी गई है। सीएम ने कहा, पुलिस और अधिकारी अपने अनुभव से सूझबूझ से निर्णय लें ।
सूबे के बड़े अधिकारी रहे मौजूद
ये बैठक विधानसभा के तिलक हाल में आयोजित की गई थी। इसमें मुख्य सचिव दीपक सिंघल, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा के अलावा डीजीपी जावीद अहमद सहित प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के लिए 20 बिंदुओं का एजेंडा तैयार किया गया था। इनमें पुलिस के पास आ रही शिकायतों के निस्तारण की क्या स्थिति है इस पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
दरअसल, मुख्यमंत्री 2017 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस कोशिश में लगे हैं कि विपक्षी दल सूबे की कानून व्यवस्था को मुद्दा न बनाएं।
इसलिए उन्होंने जिले के अफसरों को बुलाकर खुद समीक्षा करने का निर्णय लिया। कानून व्यवस्था के मसले पर अभी से ध्यान देने पर विपक्ष के हाथ यह मुद्दा नहीं लगेगा। इस बैठक के लिए सूबे के सभी डीएम, पुलिस कप्तान, व आईजी जोन को बुलाया गया था। केवल कमिश्नर व डीआईजी को इस मीटिंग से मुक्त रखा गया है