बाबा साहब को बेच रही हैं मायावती- मौर्य
BY Suryakant Pathak12 Sep 2016 1:17 AM GMT
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Suryakant Pathak12 Sep 2016 1:17 AM GMT
मायावती एक ऐसी नेता हैं जो बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को बेच रही हैं। बसपा में लोकसभा, विधानसभा के अलावा जिला पंचायत सदस्य पद के भी टिकटों की खुलेआम बिक्री हो रही है। इसमें वर्ग विशेष के हिसाब से रेट तय हैं। इसी कारण से उनका बसपा से मोहभंग हुआ और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व नेता विधान मंडल दल नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बातें उन्नाव में कहीं। वह रविवार को उन्नाव के निराला प्रेक्षागृह में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि वह करीब बीस साल तक बसपा में सक्रिय कार्यकर्ता रहे। उन्होंने बसपा की सरकार बनाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन कांशीराम के निधन के बाद मायावती ने पलटी मारी और पार्टी को टिकट बिक्री की दुकान बना दिया। कई बार उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन मायावती का रवैया नहीं बदला तो उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया। मौर्य ने कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होकर मायावती के खिलाफ जंगे एलान कर दिया है। इसके चलते ही 21 सितंबर को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में एक महारैली का आयोजन किया गया है। उन्होंने मौजूद लोगों से इस रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील भी की। इस दौरान उन्होंने सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचारियों व गुंडों की पार्टी है। सरकार में खनन माफियाओं, भूमाफियाओं व बलात्कारियों को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं कांग्रेस को हताश नेतृत्व की पार्टी बताते हुए कहा कि जैसे कांग्रेस के नेता हताश होकर गायब हो जाते हैं वैसे ही एक दिन यह पार्टी भी गायब हो जाएगी। मौर्य ने मोदी को बाबा साहब के पदचिन्हों पर चलने वाला सबसे बड़ा नेता बताया। कार्यक्रम में भाजपा सदर विधायक पंकज गुप्ता ने 70 मेधावियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सुरेंद्र कुशवाहा, राजकुमार कुशवाहा, धनपति राम मौर्य, एसपी नंद, चौधरी गंगाराम के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यकर्ताओं को नहीं पता कि अब बसपा में नहीं हैं स्वामी
वैसे तो स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा छोड़े करीब ढाई महीने हो चुके हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता उन्हें अभी तक नेता विपक्ष विधानसभा उप्र व राष्ट्रीय महासचिव बसपा के रूप में ही जानते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि मौर्य के शहर आगमन पर बधाई देने के लिए कुछ कार्यकर्ताओं ने शहर में होर्डिंग लगवाई, जिसमें उनके नाम के नीचे उन्हें अभी भी नेता विपक्ष विधानसभा उप्र व राष्ट्रीय महासचिव बसपा दर्शाया गया।
कार्यकर्ताओं को नहीं पता कि अब बसपा में नहीं हैं स्वामी
वैसे तो स्वामी प्रसाद मौर्य को बसपा छोड़े करीब ढाई महीने हो चुके हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता उन्हें अभी तक नेता विपक्ष विधानसभा उप्र व राष्ट्रीय महासचिव बसपा के रूप में ही जानते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि मौर्य के शहर आगमन पर बधाई देने के लिए कुछ कार्यकर्ताओं ने शहर में होर्डिंग लगवाई, जिसमें उनके नाम के नीचे उन्हें अभी भी नेता विपक्ष विधानसभा उप्र व राष्ट्रीय महासचिव बसपा दर्शाया गया।
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