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उत्तर प्रदेश

सरकार तथा पार्टी के बीच कोई मतभेद नहीं : राम गोपाल

सरकार तथा पार्टी के बीच कोई मतभेद नहीं : राम गोपाल
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लखनऊ । समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच पार्टी के थिंक टैंक माने जाने वाले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव की मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ करीब 45 मिनट तक गुप्त मंत्रणा चली। सीएम अखिलेश के सरकारी आवास कालीदास मार्ग पर रामगोपाल यादव तथा सीएम अखिलेश यादव के बीच बंद कमरे में बैठक के बाद राम गोपाल ने बोला कि न तो पार्टी में कोई मतभेद है और न ही सरकार में किसी के बीच।

बैठक के बाद पांच, कालीदास मार्ग से बाहर निकले राम गोपाल ने कहा कि आज पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी लखनऊ आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी तथा सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है। कल पार्टी की संसदीय दल की बैठक होनी है। उसमें 2017 के चुनाव पर तैयारी के साथ अन्य मसलों पर भी निर्णय होंगे। माना जा रहा है कि आज अखिलेश तथा राम गोपाल के बीच यह बैठक कल पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक से पहले अपना रंग दिखाएगी।

आज की बैठक में किसी के भी जाने की मनाही थी। प्रोफेसर राम गोपाल दिन में करीब 11:30 बजे वीवीआइपी गेस्ट हाउस से पांच कालीदास मार्ग पहुंचे। यहां तक की ऑफिस स्टाफ और चपरासी तक को बाहर कर दिया गया। गौरतलब है कि कल दिल्ली में पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव और पार्टी सुप्रीमो मुयालम सिंह के बीच करीब पांच घंटे की मैराथन बैठक हुई थी।

तीन-चार दिनों से समाजवादी पार्टी तथा सरकार में घमासान मचा हुआ है। पहले मुख्यमंत्री ने खनन मंत्री गयात्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राज किशोर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाया। उसके बाद बकरीद के दिन चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल को पद से हटा दिया गया।

इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अध्यक्ष पद से हटाते हुए शिवपाल यादव को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके बाद हरकत में आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव से पीडब्लूडी, सिंचाई व सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पार्टी का अंतर्कलह खुलकर सामने आया। नाराज शिवपाल बुधवार को दिल्ली पहुंचे और उनकी सपा सुप्रीमो के साथ मैराथन मीटिंग हुई।

इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री ने सारे झगड़े की जड़ को एक बाहरी व्यक्ति के मत्थे फोड़ दिया। कयास लगाए जाने लगे की वह बाहरी व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह हैं।

इसके बाद अमर सिंह का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि मैं और अंकल शिवपाल अखिलेश को बच्चा समझने की भूल कर रहे थे। अब वह काफी बड़े हो गए हैं। मेरे व मुलायम के बीच प्रेम से सभी को समस्या है। अखिलेश मुझे कभी बाहरी नहीं कह सकते। फिलहाल इस ड्रामे का पटाक्षेप पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव कल करेंगे
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