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भाई शिवपाल का पक्ष लिया, बेटे का फैसला पलटा; दागी मंत्री की बर्खास्तगी रद्द
BY Suryakant Pathak16 Sep 2016 7:52 AM GMT
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Suryakant Pathak16 Sep 2016 7:52 AM GMT
सीएम अखिलेश यादव से नाराज मुलायम सिंह के भाई शिवपाल यादव ने दो दिन से जारी कलह के बीच मंत्री और सपा प्रदेशाध्यक्ष पद से गुरुवार शाम इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार सुबह वे मुलायम के घर मिलने पहुंचे। लेकिन 10 मिनट में ही लौट आए। ऐसी खबर है कि मुलायम ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। इसके बाद मुलायम सिंह ने पार्टी हेडक्वार्टर्स में कहा, ''कार्यकर्ताओं में चिंता है। लेकिन अखिलेश, शिवपाल, रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है। पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं। हमारे रहते पार्टी में कभी कोई फूट नहीं हो सकती।'' मुलायम ने एलान किया कि खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की बर्खास्तगी का फैसला रद्द किया जाता है।
बेटा आदित्य भी साथ था...
- बता दें कि यादव परिवार में किसी ने इस तरह रूठकर पहली बार सरकार और संगठन से इस्तीफा दिया है।
- मुलायम के घर हुई इस मुलाकात में शिवपाल यादव के साथ में उनके बेटे आदित्य यादव भी मौजूद थे।
- मुलायम और शिवपाल के करीब 10 मिनट मीटिंग हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच किसी भी तरह की सहमति नहीं हो पाई है।
- बाद में मुलायम ने अखिलेश के साथ भी मीटिंग की। बता दें कि मुलायम सिंह लखनऊ में अहम बैठक करने वाले हैं।
- मुलायम और शिवपाल के करीब 10 मिनट मीटिंग हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच किसी भी तरह की सहमति नहीं हो पाई है।
- बाद में मुलायम ने अखिलेश के साथ भी मीटिंग की। बता दें कि मुलायम सिंह लखनऊ में अहम बैठक करने वाले हैं।
- आसार हैं कि इस बैठक के बाद विवाद पर विराम लगेगा। इस घमासान के पीछे सबसे बड़ी वजह अमर सिंह को माना जा रहा है।
- इस बीच, शुक्रवार की सुबह लखनऊ में शिवपाल के घर के बाहर उनके सपोर्टर्स पहुंचे और नारेबाजी की।
- शिवपाल ने कहा, "हम सब पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। आप सब पार्टी ऑफिस पहुंचें, वहीं नेताजी आने वाले हैं।"
- शिवपाल ने ये भी कहा, "हम नेताजी के साथ हैं। उनका संदेश हमारे लिए आदेश है। अपनी बात जाकर नेताजी से कहिए।"
- शिवपाल के समर्थकों ने 'राम गोपाल यादव को बाहर करो' के नारे लगाए।
- शिवपाल ने कहा, "हम सब पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। आप सब पार्टी ऑफिस पहुंचें, वहीं नेताजी आने वाले हैं।"
- शिवपाल ने ये भी कहा, "हम नेताजी के साथ हैं। उनका संदेश हमारे लिए आदेश है। अपनी बात जाकर नेताजी से कहिए।"
- शिवपाल के समर्थकों ने 'राम गोपाल यादव को बाहर करो' के नारे लगाए।
पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से क्या बोले मुलायम?
1. परिवार के बारे में
- मुलायम ने कहा, ''मीडिया की कोई गलती नहीं है। हमारे ही लोगों का मीडिया को दिया हुआ मौका है। कार्यकर्ताओं में चिंता है। लेकिन अखिलेश, शिवपाल, रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है। पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं।''
- मुलायम ने कहा, ''मीडिया की कोई गलती नहीं है। हमारे ही लोगों का मीडिया को दिया हुआ मौका है। कार्यकर्ताओं में चिंता है। लेकिन अखिलेश, शिवपाल, रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है। पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं।''
2. चुनाव के बारे में
- सपा सुप्रीमो बोले, ''अखिलेशजी आए थे। मिलकर चले गए हैं। चुनाव में कैसे काम करना है, यह बता दिया है। कहीं कोई तरह का मतभेद नहीं हैं। हमारे रहते पार्टी में कभी कोई फूट नहीं हो सकती। हम अपने क्षेत्र से चुनाव कैम्पेन शुरू कर रहे हैं। आप लोगों ने बहुत मेहनत की है पांच साल। सरकार बहुत अच्छी चली है।''
- सपा सुप्रीमो बोले, ''अखिलेशजी आए थे। मिलकर चले गए हैं। चुनाव में कैसे काम करना है, यह बता दिया है। कहीं कोई तरह का मतभेद नहीं हैं। हमारे रहते पार्टी में कभी कोई फूट नहीं हो सकती। हम अपने क्षेत्र से चुनाव कैम्पेन शुरू कर रहे हैं। आप लोगों ने बहुत मेहनत की है पांच साल। सरकार बहुत अच्छी चली है।''
3. अमर सिंह का नाम नहीं लिया
- मुलायम ने कहा, ''वो कौन-सी शक्तियां हैं जो नहीं चाहती हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार बने। बहुत बड़ा परिवार है। समाजवादी परिवार है। हमारे परिवार में थोड़ा-बहुत तो होता रहता है। कोई भी मतभेद नहीं है। बस यही कहा है कि शंका समाधान कर लेना।''
- मुलायम ने कहा, ''वो कौन-सी शक्तियां हैं जो नहीं चाहती हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार बने। बहुत बड़ा परिवार है। समाजवादी परिवार है। हमारे परिवार में थोड़ा-बहुत तो होता रहता है। कोई भी मतभेद नहीं है। बस यही कहा है कि शंका समाधान कर लेना।''
4. बर्खास्त मंत्री के बारे में
- मुलायम ने कहा, ''गायत्री प्रजापति की बर्खास्तगी रद्द की जाती है। वे फिर मंत्री बनेंगे।''
- बता दें कि प्रजापति खनन मंत्री थे। उन्हें बीते सोमवार हटाया था। उन पर करप्शन के आरोप हैं।
- मुलायम ने कहा, ''गायत्री प्रजापति की बर्खास्तगी रद्द की जाती है। वे फिर मंत्री बनेंगे।''
- बता दें कि प्रजापति खनन मंत्री थे। उन्हें बीते सोमवार हटाया था। उन पर करप्शन के आरोप हैं।
5. कार्यकर्ताओं पर नाराजगी
- नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं से मुलायम नाराज हो गए। कहा, ''भाषण देते हैं तो बोला जाता है बीच में? ये कोई तरीका है। बोलने नहीं देते। क्या बात करनी है। हम हैं ना बात करने के लिए। बहुत से बेवकूफ अा गए। हमको बोलने नहीं देते। नेता बनो तो दूसरों की सुनो। नेता बनोगे तो ये समस्या आपके सामने भी आएगी। दूसरों को बोलने दो।''
- नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं से मुलायम नाराज हो गए। कहा, ''भाषण देते हैं तो बोला जाता है बीच में? ये कोई तरीका है। बोलने नहीं देते। क्या बात करनी है। हम हैं ना बात करने के लिए। बहुत से बेवकूफ अा गए। हमको बोलने नहीं देते। नेता बनो तो दूसरों की सुनो। नेता बनोगे तो ये समस्या आपके सामने भी आएगी। दूसरों को बोलने दो।''
6. अपने पीएम बनने के बारे में
- सपा सुप्रीमो ने कहा, ''हम 11 बार विधायक बने। नेता प्रतिपक्ष रहे। रक्षा मंत्री बने। प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए। आज मैं आया तो लालूजी से फोन पर बात की। लालूजी सिर्फ रिश्तेदार नहीं, नेता हैं। हैसियत वाले नेता हैं। उन्हें भी चिंता थी। वह हमने दूर कर दी। हमने कहा कि हमारी बात टालेगा कोई?''
- सपा सुप्रीमो ने कहा, ''हम 11 बार विधायक बने। नेता प्रतिपक्ष रहे। रक्षा मंत्री बने। प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए। आज मैं आया तो लालूजी से फोन पर बात की। लालूजी सिर्फ रिश्तेदार नहीं, नेता हैं। हैसियत वाले नेता हैं। उन्हें भी चिंता थी। वह हमने दूर कर दी। हमने कहा कि हमारी बात टालेगा कोई?''
कैसे बढ़ता गया विवाद
1#अखिलेश ने पिछले महीनों गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के सपा में विलय का शिवपाल सिंह का फैसला पलटा।
2#इसी हफ्ते चाचा के करीबी मंत्री राजकिशोर सिंह और चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल हटाए गए।
3#मुलायम के कहने पर उनके छोटे भाई शिवपाल सपा के यूपी चीफ बने तो अखिलेश ने 2 घंटे में उनसे 9 में से 7 विभाग छीन लिए।
4#शिवपाल के अखिलेश कैबिनेट छोड़ने के कयास बढ़े। लेकिन उन्होंने कहा कि नेताजी का फैसला मंजूर होगा। इसके बाद भी बात बिगड़ गई।
2#इसी हफ्ते चाचा के करीबी मंत्री राजकिशोर सिंह और चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल हटाए गए।
3#मुलायम के कहने पर उनके छोटे भाई शिवपाल सपा के यूपी चीफ बने तो अखिलेश ने 2 घंटे में उनसे 9 में से 7 विभाग छीन लिए।
4#शिवपाल के अखिलेश कैबिनेट छोड़ने के कयास बढ़े। लेकिन उन्होंने कहा कि नेताजी का फैसला मंजूर होगा। इसके बाद भी बात बिगड़ गई।
डैमेज कंट्रोल का ड्रामा
- दो दिन तक सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव डैमेज कंट्रोल करते रहे, लेकिन नाकाम रहे। गुरुवार को अखिलेश को मनाने के लिए मुलायम के कहने पर दिन में रामगोपाल यादव लखनऊ पहुंचे थे। बात नहीं बनती देख शाम तक मुलायम खुद पहुंच गए।
- मुलायम ने पहले एक घंटे तक शिवपाल से बात की। अखिलेश को आदेश दिया कि शिवपाल से छीने विभागों के साथ ही आबकारी विभाग भी सौंप दें।
- मुलायम के कहने पर शिवपाल अखिलेश से मिलने पहुंचे। शाम 7.13 बजे शिवपाल अखिलेश के पास गए। यहां अखिलेश ने पिता का आदेश मानने से इनकार कर दिया।
- बात नहीं बनी तो शिवपाल इस्तीफा सौंपकर 20 मिनट में ही निकल आए। उन्होंने मुलायम को भी प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंपा। चाचा के इस कदम से सकते में आए अखिलेश तुरंत पिता मुलायम सिंह के घर पहुंचे। इसी बीच, रात साढ़े 10 बजे शिवपाल के कैबिनेट से इस्तीफे की खबर लीक हो गई।
- दो दिन तक सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव डैमेज कंट्रोल करते रहे, लेकिन नाकाम रहे। गुरुवार को अखिलेश को मनाने के लिए मुलायम के कहने पर दिन में रामगोपाल यादव लखनऊ पहुंचे थे। बात नहीं बनती देख शाम तक मुलायम खुद पहुंच गए।
- मुलायम ने पहले एक घंटे तक शिवपाल से बात की। अखिलेश को आदेश दिया कि शिवपाल से छीने विभागों के साथ ही आबकारी विभाग भी सौंप दें।
- मुलायम के कहने पर शिवपाल अखिलेश से मिलने पहुंचे। शाम 7.13 बजे शिवपाल अखिलेश के पास गए। यहां अखिलेश ने पिता का आदेश मानने से इनकार कर दिया।
- बात नहीं बनी तो शिवपाल इस्तीफा सौंपकर 20 मिनट में ही निकल आए। उन्होंने मुलायम को भी प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंपा। चाचा के इस कदम से सकते में आए अखिलेश तुरंत पिता मुलायम सिंह के घर पहुंचे। इसी बीच, रात साढ़े 10 बजे शिवपाल के कैबिनेट से इस्तीफे की खबर लीक हो गई।
अब क्या है स्थिति? अखिलेश की कुर्सी पर क्यों मंडराए बादल?
- सपा और मुलायम परिवार में टकराव चरम पर है। बिखराव रोकने के लिए संभवत: अब मुलायम खुलकर सामने आएं। संभव है कि वे अखिलेश को हटाकर खुद सीएम पद संभाल लें। यही कदम परिवार की फूट को रोक सकता है, क्योंकि सपा के ज्यादातर वरिष्ठ नेता और विधायक अखिलेश के एजेंडे से नाखुश हैं।
- सपा और मुलायम परिवार में टकराव चरम पर है। बिखराव रोकने के लिए संभवत: अब मुलायम खुलकर सामने आएं। संभव है कि वे अखिलेश को हटाकर खुद सीएम पद संभाल लें। यही कदम परिवार की फूट को रोक सकता है, क्योंकि सपा के ज्यादातर वरिष्ठ नेता और विधायक अखिलेश के एजेंडे से नाखुश हैं।
- अखिलेश ने शिवपाल का कैबिनेट से इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। लेकिन वे उन्हें पीडब्ल्यूडी जैसे अहम मंत्रालय भी लौटाने के मूड में नहीं हैं।
- 24 से ज्यादा विधायक शिवपाल के सपोर्ट में देर रात उनके घर पहुंच गए। कहा जा रहा है कि दबाव बनाने के लिए कई मंत्री और विधायक शिवपाल के पक्ष में इस्तीफा दे सकते हैं।
- 24 से ज्यादा विधायक शिवपाल के सपोर्ट में देर रात उनके घर पहुंच गए। कहा जा रहा है कि दबाव बनाने के लिए कई मंत्री और विधायक शिवपाल के पक्ष में इस्तीफा दे सकते हैं।
अंदर की कहानी: घमासान के पीछे अमर सिंह
- मुलायम के कुनबे में जारी घमासान अखिलेश सरकार के दो मंत्रियों और फिर चीफ सेक्रेटरी के हटाए जाने के बाद शुरू हुआ। घटना की पृष्ठभूमि में हाल में कुछ ऐसी बातें हुईं जो इस पूरे प्रकरण के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार ठहराती हैं।
- दरअसल, इस फेरबदल की स्क्रिप्ट रविवार रात अमर सिंह की एक पार्टी में लिखी गई थी। नई दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में हुई इस पार्टी में मुलायम के अलावा शिवपाल और चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल भी शामिल हुए थे।
- न्योता तो अखिलेश को भी था, लेकिन वो नहीं आए थे। बताया जा रहा है कि पार्टी में अमर सिंह ने मुलायम को बताया कि यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति सीबीआई के रडार पर हैं। वे अरेस्ट होते हैं तो यह बात सपा, सरकार और मुलायम परिवार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
- अगले ही दिन मुलायम ने अमर सिंह और दीपक सिंघल को दिल्ली स्थित अपने घर पर बुलाया। मुलायम के पूछने पर इन दोनों ने रात की बात दोहरा दी। इस पर मुलायम सिंह ने अखिलेश को गायत्री प्रजापति के साथ राजकिशोर सिंह का भी डिपार्टमेंट बदलने को कहा। हालांकि, बाद में दोनों को हटा दिया गया।
- दरअसल, इस फेरबदल की स्क्रिप्ट रविवार रात अमर सिंह की एक पार्टी में लिखी गई थी। नई दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में हुई इस पार्टी में मुलायम के अलावा शिवपाल और चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल भी शामिल हुए थे।
- न्योता तो अखिलेश को भी था, लेकिन वो नहीं आए थे। बताया जा रहा है कि पार्टी में अमर सिंह ने मुलायम को बताया कि यूपी के खनन मंत्री गायत्री प्रजापति सीबीआई के रडार पर हैं। वे अरेस्ट होते हैं तो यह बात सपा, सरकार और मुलायम परिवार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
- अगले ही दिन मुलायम ने अमर सिंह और दीपक सिंघल को दिल्ली स्थित अपने घर पर बुलाया। मुलायम के पूछने पर इन दोनों ने रात की बात दोहरा दी। इस पर मुलायम सिंह ने अखिलेश को गायत्री प्रजापति के साथ राजकिशोर सिंह का भी डिपार्टमेंट बदलने को कहा। हालांकि, बाद में दोनों को हटा दिया गया।
इसलिए भाई शिवपाल यादव को अहमियत दे रहे हैं मुलायम
मुलायम ने कुछ दिन पहले अखिलेश को चेताया था कि शिवपाल सपा से अलग हुए तो पार्टी टूट जाएगी। बेटे अखिलेश को सीएम बनाने के बाद भी मुलायम भाई शिवपाल यादव को इतनी अहमियत क्यों दे रहे हैं? इसकी वजह है...
1# शिवपाल के वफादार हैं 30 मंत्री :मुलायम सिंह के छोटे भाई। सरकार और सपा में नंबर-दो। पार्टी में शिवपाल की पकड़ बहुत तगड़ी है। 57 में से 30 सीनियर मंत्री उनके वफादार हैं। विधायकों का आंकड़ा भी करीब 100 है। दबाव बनाने के लिए इनमें से कई इस्तीफा दे सकते हैं।
2# जमीनी कार्यकर्ताओं से तालमेल:मुलायम सिर्फ सपा का चेहरा हैं। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल शिवपाल ही रखते थे। अगर बिखराव हुआ तो कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज शिवपाल के साथ होगी।
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