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उत्तर प्रदेश

हॉस्‍पि‍टल में डॉक्‍टर रचाती रही मेहंदी और मौत के आग़ोश में समा गई गर्भवती

हॉस्‍पि‍टल में डॉक्‍टर रचाती रही मेहंदी और मौत के आग़ोश में समा गई गर्भवती
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राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्‍पि‍टल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक प्रेग्नेंट महि‍ला दर्द से तड़प रही थी और ड्यूटी पर तैनात डॉक्‍टर करवा चौथ में मसरूफ़ थी मेहंदी लगाने में। अब आरोप है कि डॉक्‍टर की लापरवाही के चलते मां और शिशु दोनों ने ही दम तोड़ दिया।दूसरी ओर, डॉक्‍टर और स्‍टाफ करवा चौथ की तैयारी में मेहंदी रचाने में व्यस्त रहा। बुधवार की सुबह 11 बजे ललिता के गर्भ से मरे बच्‍चे को ऑपरेशन करके निकाला गया। ऑपरेशन के बाद उसकी लगातार ब्‍लीडिंग होती रही और हालत बिगड़ती गई, लेकिन स्‍टाफ की ओर से ध्‍यान नहीं दिया गया।

दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक 108 नंबर पर कम से कम 10 बार फोन किया गया। कॉल उठाने वाला व्‍यक्ति डॉक्‍टर से बात कराने के लिए कहता रहा, लेकि‍न मेहंदी रचा रही डॉक्‍टर ने व्‍यस्‍त होने की बात बताई। शाम 4 बजे तक एम्‍बुलेंस न मिलने से मरीज को शिफ्ट नहीं किया जा सका। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्‍टर से पूछा तो उन्‍होंने कह दिया कि ललिता की हालत दूसरे सेंटर भेजने लायक नहीं है। इस बीच एम्‍बुलेंस के इंतजार में शाम 5 बजे ललिता ने दम तोड़ दिया।


डॉ. लिली सिंह के अनुसार आया वगैरह मेहंदी लेकर आई थीं और शायद उनमें से एक-दो ने आपस में मेहंदी भी लगाई। हालांकि अभी इसका कोई पुख़्ता प्रमाण नहीं है लेकिन सभी से पूछताछ जारी हैनहीं हो जाती, अभी कुछ कहना ठीक नहीं होगा।

निदेशक डॉ. पदमाकर सिंह ने कहा कि परि‍जनों का आरोप था कि डॉक्‍टर की लापरवाही से ललिता की मौत हुई है। इसल मामले की जांच के लिए डॉक्‍टरों की तीन सदस्‍यीय जांच कमि‍टी बनाई जाएगी, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी। पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट को भी तीन सदस्‍यीय टीम जांच में शामिल करेगी। इस टीम में डॉ. एके त्रि‍पाठी, डॉ. ईना गुप्‍ता, डॉ. सुधा सिंह शामि‍ल हैं, जो 7 दि‍न में रि‍पोर्ट देगी। लेकिन अब सवाल यह की उसी अस्पताल की डॉक्टर अगर यह रिपोर्ट देंगे या जांच करेंगे तो जांच की विशवसनीयत पर सवाल उठेंगे ही।


मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक महिला डॉ. लिली सिंह का कहना है कि फिलहाल जांच कमि‍टी गठित नहीं हो सकी है और न ही डॉक्‍टर से किसी तरह की पूछताछ हुई है। रात के वक़्त जिन्‍होंने मरीज को एडमिट किया था, उस समय डॉ. निरुपमा सिंह और डॉ. सुनीता की इमरजेंसी में ड्यूटी थी। इसके बाद सुबह डॉ. अल्‍का गुप्‍ता और डॉ. अनीता नेगी डिलीवरी करवाई थी। महिला की मौत के समय डॉ. तरन्‍नुम और डॉ. नीलम ड्यूटी पर थीं। जिनसे अभी किसी भी तरह की कोई भी पूछताछ नहीं की गई है। लिहाज़ा पीड़ित परिवार का कहना है कि वो इसकी शिक़ायत ऊपर तक करेंगे आखिरकार उन्होनें अपने परिवार की एक नहीं दो ज़िन्दग़ी महज़ लापरवाही के चलते खो दी है। ज़रूरत पड़ी तो वह सीएम अखिलेश यादव से भी इसकी शिक़ायत करेंगे।

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