अखिलेश का बदली सियासी चुनौतियों के लिए तैयार, रघुराज मिले सीएम से
BY Suryakant Pathak22 Oct 2016 1:22 AM GMT
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Suryakant Pathak22 Oct 2016 1:22 AM GMT
लखनऊ : अखिलेश ने 23 अक्टूबर को कुछ एमएलए व एमएलसी की पांच, कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसके एक दिन बाद मुलायम सिंह विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों व विधान परिषद सदस्यों के साथ बैठक करने वाले हैं। आज प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव जिस समय जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर रहे थे, ठीक उसी समय अखिलेश अपने सरकारी आवास पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा, मंत्री अरविंद सिंह गोप, मंत्री अहमद हसन, राज्यसभा सदस्य विशम्भर निषाद, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, शैलन्द्र उर्फ ललई यादव, राम मूर्ति वर्मा, राजेन्द्र चौधरी, कमाल अख्तर, शाहिद मंजूर, विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के साथ कुनबे में कलह, सियासी हाल और राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इन मंत्रियों से अपनी व्यथा साझा करते हुए यह तो कई बार कहा कि मुलायम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के साथ पिता भी हैं, मगर संकेत भी दिया कि बदली राजनीतिक चुनौतियों के लिए सबको तैयार रहना होगा।
चालू पार्टी का हाथ
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के अंदर एका न हो पाने के पीछे चालू पार्टी के लोगों का हाथ होने की बात कही गयी। मुख्यमंत्री जब-तब भाजपा को चालू पार्टी कहते रहे हैं। कानपुर में मेट्रो की आधारशिला रखने के दौरान भाजपा के पोस्टरों का जवाब पोस्टरों से देने के लिए वहां के पदाधिकारियों को सराहा।
रघुराज मिले सीएम से
निर्दल विधायक व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने शुक्रवार शाम अपने कुछ समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की। माना जा रहा है अब तक दूरी बनाकर रहने वाले सिंह ने मुख्यमंत्री के फैसलों के साथ रहने का उन्हें भरोसा दिलाया।
मुलायम लखनऊ पहुंचे
मुलायम सिंह लखनऊ पहुंच गए और उन्होंने कई मंत्रियों, विधायकों व शिवपाल से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व अपने चचेरे भाई प्रो.राम गोपाल यादव से खफा हैं और अपनी नाराजगी उनसे जता भी दी है। दूसरी ओर सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और बाद में कुछ पत्रकारों से कहा कि मुलायम के खिलाफ बोलने वालों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री विधानमंडल दल के नेता हैं इसलिए उन्हें विधायकों को बुलाने का अधिकार है और नेताजी पार्टी अध्यक्ष है वह किसी को भी बुला सकते हैं।
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