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उत्तर प्रदेश

घर के झगड़े में बदल गई अखिलेश की रथयात्रा

घर के झगड़े में बदल गई अखिलेश की रथयात्रा
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लखनऊ: मुलायम के घर के झगड़े से अखिलेश की रथयात्रा का क्या मतलब ? समाजवादी पार्टी के समर्थक तो ऐसा ही कहते थे. लेकिन घर के घमासान का असर दिखने लगा है. लोग पूछने लगे हैं "अखिलेशजी की रथयात्रा में सब ठीक रहेगा" पार्टी और परिवार में जारी कलह के बीच अखिलेश यादव ने 3 नवम्बर से समाजवादी विकास रथयात्रा पर निकलने का एलान कर दिया. फिर अपने समर्थकों के संग कई दौर की बैठकें की. तय हुआ कि 3 तारीख को लखनऊ से चल कर उन्नाव पहुचेंगे और रात में अखिलेश कानपुर में रुकेंगे. फिर अगले दिन यानि 4 नवम्बर को दौरा करते हुए वापस उन्नाव पहुचेंगे. पुलिस लाईन से अखिलेश हेलीकॉप्टर से वापस उसी दिन लखनऊ लौट जाएंगे.

मुलायम के घर के झगड़े से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बंट गए है. नेताओं का भी अपना खेमा है. गांव से लेकर शहर तक कोई चाचा शिवपाल यादव का आदमी बन गया है तो कोई अखिलेश भैया के लिए जवानी कुर्बान करने को बेताब है. इस तनातनी में अखिलेश का 'विकास से विजय' की ओर रथयात्रा का कार्यक्रम बदलना पड़ा है. उनकी रथयात्रा अब एक दिन की कर दी गयी है. अखिलेश उन्नाव से ही लौट जाएंगे. अखिलेश के बेहद करीबी और एमएलसी सुनील यादव उन्नाव के हैं. उन्हें इस शुरुआती यात्रा का प्रभारी भी बनाया गया है.

इस से पहले सितंबर में खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर के रथयात्रा पर निकलने की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि वे अक्टूबर से चुनाव प्रचार पर निकल जाएंगे. लेकिन मुलायम परिवार के झगड़े ने अखिलेश को रोक दिया. उन्हें अपनी रथयात्रा महीने भर के लिए आगे बढ़ानी पड़ी.

समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे होने पर लखनऊ में एक बड़ा कार्यक्रम हो रहा है. इसमें देश भर के समाजवादियों को बुलाया जा रहा है. नितीश कुमार, शरद यादव से लेकर लालू यादव और चौधरी अजीत सिंह को भी न्यौता भेजा गया है.

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