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उत्तर प्रदेश

नया नहीं है नोट वापस लेने का फैसला

नया नहीं है नोट वापस लेने का फैसला
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अर्थव्यवस्था में चलन से 500 और 1,000 रुपये के नोट को अचानक वापस लेने का सरकार फैसला अब तक का एकमात्र नया फैसला नहीं है. इससे पहले भी जनवरी 1946 में और फिर 1978 में 1,000 रुपये और इससे बड़ी राशि के नोटों को वापस लिया जा चुका है.

रिजर्व बैंक ने अब तक सबसे बड़ा नोट 1938 और फिर 1954 में 10,000 रुपये का छापा था. लेकिन इन नोटों को पहले जनवरी 1946 में और फिर जनवरी 1978 में वापस ले लिया गया. रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.

जनवरी 1946 से पहले 1,000 और 10,000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन में थे. इसके बाद 1954 में 1,000 रुपये, 5,000 रुपये और 10,000 रुपये के बैंक नोट जारी किए गए. इन सभी को जनवरी 1978 में वापस ले लिया गया.


नवंबर 2000 में एक हजार रुपये का नोट फिर जारी हुआ. इससे पहले अक्तूबर 1987 में 500 रुपये का नोट चलन में लाया गया. तब महंगाई के मद्देनजर चलन में भारी संख्या में जारी नोटों को नियंत्रित करने के लिए इसे जारी करने को उचित ठहराया गया. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब 2,000 रुपये का नोट चलन में लाया जाएगा.
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