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नेताजी बड़े दिल वाले बड़े सियासतदां हैं, फिलहाल आइए जानें बेनी प्रसाद वर्मा ने कब क्या-क्या कहा
लोग कहते हैं कि बेनी प्रसाद वर्मा जब पार्टी से अलग हुए थे, तो मुलायम को क्या-क्या नहीं कहा था। बेनी ने यह भी कहा था कि अपने जीते जी अब समाजवादी पार्टी में कभी न जाऊंगा। खैर यह तो बेनी ने खुद के लिए कहा था, पर सियासत में लाख टके की बात यह है कि मुलायम आखिर कैसे भूल सकते हैं कि बेनी प्रसाद ने इतने वर्ष में उन्हें क्या-क्या नहीं कहा। फिर भी मुलायम सिंह यादव ने बेनी प्रसाद को गले लगाकर यह दर्शा दिया है कि वे बड़े दिल वाले बड़े सियासतदां हैं।
फिलहाल आइए जानें बेनी प्रसाद वर्मा ने कब क्या-क्या कहा
बेनी ने 2013 में अपने एक बयान में मुलायम की सबसे दुखती रग पर हाथ रखा था। बेनी ने कहा था कि मुलायम ने बाबरी मस्जिद विध्वंस करवाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से हाथ मिलाकर बता दिया कि वे मुसलमानों के कितने मददगार हैं। यही नहीं गुजरात में गोधरा कांड के बाद मुलायम ने वहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे। उसके पीछे सिर्फ मकसद यह था कि मुसलमान वोट कांग्रेस से बंट जाए और यही हुआ नरेंद्र मोदी व भाजपा की जीत का रास्ता आसान करवा दिया।
यही नहीं बेनी का मुलायम पर गुस्सा कभी इतना था कि उन्होंने यहां तक कह डाला था कि वे आतंकवादियों के मददगार हैं। वे न किसी जाति का ध्यान देते हैं और न ही धर्म का ख्याल रखते हैं। सिर्फ अपना मकसद हल करते हैं।
बेनी ने मई 2013 में एक बयान में मुलायम को सांप्रदायिक ताकतों का साथ देने वाला बता दिया था। बेनी ने कहा था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का मुलायम सिंह यादव पूरा साथ देते हैं, सबसे पहले आडवाणी के साथ मिली भगत करके ही बाबारी ढांचा ढहवाया था।
इसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने भाजपा व मुलायम के कनेक्शन को स्थापित करने के लिए कहा था कि समाजवादी पार्टी को बताना होगा कि भाजपा नेता वरुण गांधी के ऊपर चल रहे मुकदमा वापस लेने में कोई परेशान क्यों नहीं हुई। जबकि मुसलमानों पर चल रहे मुकदमे वापस लेने में दिक्कत क्यों हुई।
बेनी प्रसाद वर्मा ने खुद का खांटी कांग्रेस नेता दर्शान के फेर में सपा मुखिया को निशाने पर लेने में नहीं चूकते थे। एक बयान में कहा था कि मुलायम प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं तो उन्हें मालूम होना चाहिए कि प्रधानमंत्री आवास पर उन्हें झाडू लगाने की नौकरी के लिए मेहनत करनी चाहिए। प्रधानमंत्री बनना तो दूर झाडू की जिम्मेदारी भी नहीं मिलने वाली।
यही नहीं बेनी प्रसाद वर्मा ने अक्टूबर 2013 में यहां तक बोल गए कि मुलायम सिंह यादव हत्या करवा सकते हैं। यह भी कहा कि कांग्रेस का इकलौता नेता हूं जो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बेधड़क बोलता हूं।
एक बार बतौर कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी हिटलर हैं और मुलायम सिंह यादव मुसोलिनी हैं। दोनों दंगा करवाकर सियासी खेल खेलने में माहिर हैं। ये दोनों खुद का तानाशाह समझते हैं। जब जहां दंगे हुए वहां मोदी व मुलायम ने मिलकर दंगा करवाया। मुजाफ्फरनगर समेत प्रदेश में होने वाले सभी दंगे सिर्फ और सिर्फ मोदी और मुलायम की देन हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा पिछले लोकसभा चुनाव आने से पहले कांग्रेस से मिली तवज्जो के कारण उफान पर आ गए थे। केंद्र सरकार में खासी ठसक रखने वाले बेनी प्रसाद वर्मा ने फरवरी 2014 में अपने व मुलायम के संबंधों को लगता है पूरी तरह भुलाते हुए सारी हदे पार करने वाला बयान दिया। कहा कि देश के सबसे ज्यादा खतरनाक सियासी जानवर हैं मुलायम सिंह यादव। वे राजनीति में कब कहां किसको अपना खाना बनाकर खा जाएं, कोई ठीक नहीं है। यही वजह है कि मुलायम सांप्रदायिक आग जलाए रखना चाहते हैं, जिससे लोकसभा चुनाव समाप्त तक सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो जाएं।
नए अंदाज में नई सियासी पारी :
इतना कुछ बेनी प्रसाद वर्मा की ओर से मुलायम के लिए कहे जाने के बाद भी आज फिर दोनों नेताओं के साथ हो जाने के सवाल पर बेनी प्रसाद वर्मा कहते हैं कि सब पुरानी सियासी बातें हैं। उन बातों को याद नहीं रखना है। अब नई सियासी पारी है। नए अंदाज में खेली जाएगी।
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