पाकिस्तान: नाबालिग हिन्दू लड़की का अपहरण, 'जबरन धर्मांतरण' की खबर के बाद बवाल
BY Suryakant Pathak16 Jun 2017 3:53 PM GMT

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Suryakant Pathak16 Jun 2017 3:53 PM GMT
पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय की एक नाबालिग लड़की के कथित अपहरण और धर्मांतरण मुद्दे को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में आक्रोश पैदा हो गया है ।छह जून को दक्षिण-पूर्व सिंध प्रांत के नगरपारकर के पास वनहारो गांव के सैयद टोले से रविता मेघवार (16 साल) को अगवा कर लिया था। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट में कहा गया कि कल रविता ने अपने कथित पति नवाज अली शाह के साथ उमरकोट में स्थानीय पत्रकारों से मुलाकात की और अपने धर्मांतरण एवं विवाह में अपनी मर्जी के बारे में उन्हें जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, अपने लिए और अपने पति के लिए सुरक्षा की मांग कर रही रविता ने कहा कि उसे अगवा नहीं किया गया है, बल्कि वह शाह के साथ घर छोड़कर भागी है।रविता ने दावा किया कि उसने उमरकोट जिले के समर्रो कस्बे के पास इस्लामी उपदेशक पीर मोहम्मद अयूब जान फारूकी की मौजूदगी में इस्लाम अपनाया ।
बहरहाल, रिपोर्ट में कहा गया कि लड़की के परिवार सहित हिंदू समुदाय ने जोर देकर कहा है कि रविता का अपहरण किया गया और जबरन धर्मांतरण कराया गया। रविता के पिता सतराम दास मेघवार ने आरोप लगाया कि सैयद समुदाय के प्रभावशाली सदस्यों ने परिवार के लोगों को नींद की गोलियां देने के बाद उनकी बेटी को अगवा कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार अपील करने के बाद भी थार पुलिस ने तक तक लड़की का पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जब तक उसका धर्मांतरण नहीं कर दिया गया। मौलवी की ओर से जारी विवाह प्रमाण-पत्र के मुताबिक, लड़की 18 साल की है, अपनी पसंद के शख्स से शादी कर सकती है और उसका इस्लामी नाम गुलनार है। लेकिन उसके प्राथमिक स्कूल प्रमाण-पत्र के मुताबिक रविता महज 16 साल की है, क्योंकि उसका जन्म 14 जुलाई 2001 को हुआ था।
थार से नेशनल असेंबली के सदस्य, पीएमएल-एन के नेता और पाकिस्तान हिंदू परिषद के प्रमुख डॉ. कुमार वंकवानी ने रविता के कथित अपहरण एवं धर्मांतरण पर चिंता जतायी है। रिपोर्ट में वंकवानी के हवाले से कहा गया,हिंदू विवाह कानून के मुताबिक 18 साल से कम उम्र की हिंदू लड़की का धर्मांतरण नहीं किया जा सकता।
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