यरुशलम: ट्रंप की घोषणा के बाद गाजा पट्टी में भड़की हिंसा
BY Anonymous8 Dec 2017 12:37 AM GMT
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Anonymous8 Dec 2017 12:37 AM GMT
यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित फैसले के बीच, सैकड़ों फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों की आज पश्चिमी तट में इस्राइली जवानों से झड़पें हुईं। वहीं गाजा में कार्यकर्ताओं ने ट्रंप के पोस्टर जलाए। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 31 फ़लस्तीनी नागरिक जख्मी हो गए हैं और एक व्यक्ति की हालत गंभीर है।
गाजा पट्टी का प्रशासन चला रहे उग्रवादी संगठन हमास के नेता ने बड़े पैमाने पर गुस्से का इजहार करने के लिए नए सैन्य आंदोलन का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी और इस्राइली झंडे भी जलाए। पश्चिमी तट में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने टायरों में आग लगा दी और इस्राइली जवानों पर पथराव किया। बेथलहम में जवानों ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े।
फलस्तीन पर हमारा रुख किसी तीसरे देश से प्रभावित नहीं : भारत
यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के बाद दुनियाभर में चिंता जताए जाने के बीच भारत ने आज कहा कि फलस्तीन पर उसका रुख स्वतंत्र तथा सतत है और उसका नजरिया किसी तीसरे देश से प्रभावित नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि फलस्तीन पर भारत का रुख उसके अपने विचारों और हितों के अनुरूप है और किसी तीसरे देश के रुख से इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
संयुक्त राष्ट्र ने बुलाई आपात बैठक
ट्रंप ने यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की थी जो इस पवित्र शहर पर दशकों से चली आ रही अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय नीति के विपरीत है।
ट्रंप की इस घोषणा के बाद पश्चिम एशिया और दुनिया के कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस विवादास्पद कदम के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज एक आपात बैठक बुलायी है। इस बैठक की मांग करने वालों में दो स्थायी सदस्य देश- ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं। फलस्तीन प्राधिकार ने कहा है कि यरुशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने के ट्रंप के फैसले से तेल अवीव की गैरकानूनी नीतियों को और बल मिलेगा एवं क्षेत्र में तनाव एवं अस्थिरता बढ़ेगी।
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